डॉक्टर की सलाह: बढ़ता ब्लड शुगर और बढ़ता ब्लड प्रेशर बनता है आपकी किडनी में खराबी की वजह

यदि किसी को डायबिटीज की समस्या है तो यह समस्या किडनी के लिए घातक हो सकती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बढ़ते ब्लड शुगर के साथ साथ बढ़ता ब्लड प्रेशर भी आपकी किडनी के लिए हानिकारक हो सकता है|

ऐसे कई लोग हैं जिन्हें इस बात का अंदाज़ा भी नहीं कि उनका शरीर किन खतरनाक परेशानियों से गुजर रहा है| जिसके कारण कई बार लोगों को अपनी जान तक गवानी पड़ जाती है|

 

लेकिन क्या ऐसा सही में होता है? क्या डायबिटीज के अलावा बढ़ता रक्चाप भी किडनी में खराबी की वजह बनता है?

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जी हाँ! आपको बता दें कि यह सच है, आज हम आपको बताते हैं इस बारें में किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ. अभिषेक कुमार की क्या राय है.

डॉ. अभिषेक कुमार जी का तो साफ़ साफ कहना है कि यदि किसी व्यक्ति को डायबिटीज है और इसके साथ उच्च रक्तचाप की परेशानी भी है तो यह आग में घी तरह काम करता है| किडनी रोग का सबसे प्रमुख कारण डायबिटीज और ब्लड प्रेशर माना जाता है| ऐसा कहा जाता है कि यह दोनों बीमारियाँ एक तिहाई तक किडनी रोग होने के लिए जिम्मेदार होती हैं| किसी को अनियंत्रित डायबिटीज और उच्च रक्तचाप है तो इससे किडनी रोग होने की आशंका बढ़ जाती है|

दरअसल, उच्च रक्तचाप और डायबिटीज होने के कारण ब्लड सर्कुलेशन की गति धीमी हो जाती है| जिससे किडनी के काम में दबाव आने लगता है| ब्लड सर्कुलेशन की गति धीमी होने के कारण किडनी को ज्यादा काम करना पड़ता है| जिसके कारण किडनी में खराबी की शुरुआत होने लगती है| मेडिकल टर्म में इसे हाइपर फिल्ट्रेशन कहते हैं|

जब किडनी में खराबी आने लगे तो इसकी पूरी जांच के लिए डॉक्टर आपको कुछ जांच करवाने की सलाह देते हैं| जिससे किडनी के काम करने की कैपेसिटी पता चल जाये|

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डायबिटीज रोगी को किडनी रोग होने की आशंका:

डायबिटीज होने का मतलब है आपके ब्लड में शुगर का स्तर अधिक होना| जब आपके ब्लड में शुगर बढ़ जाता है तो इससे आपके शरीर में रक्त में शुगर पूरी तरह घुल जाता है| और जैसा कि आपके शरीर में फ़िल्टर मशीन का काम करती है और आपके रक्त को साफ़ करती है| तो शुगर युक्त ब्लड आपकी नसों के माध्यम से आपके शरीर से होकर आपकी किडनी तक जाता है| रक्त में जमा शुगर को साफ़ करने के चक्कर में आपकी किडनी के टिशु डैमेज हो जाते हैं और धीरे धीरे किडनी खराब होने लगती है|

 

किडनी खराब होने की शरुआत में कौन सा संकेत दिखाई देता है:

किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ. अभिषेक कुमार के मुताबिक किडनी खराब होने का शुरुआती लक्षण कुछ दिखाई नहीं देते| जब तक लक्षण दिखाई देते हैं तब तक किडनी 50 प्रतिशत तक खराब हो चुकी होती है| जब किडनी खराब होना शुरू होती है तो पेशाब से प्रोटीन आने लगता है| इसको माइक्रो एल्बुमिनुरिया कहते हैं, यह किडनी खराबी की बिल्कुल शुरुआती स्टेज होती है|

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इसका पता सिर्फ पेशाब के टेस्ट से लगाया जा सकता है| इस टेस्ट को यूरिन फॉर माइक्रोइलुबीमाइन कहते हैं| यदि इस स्टेज में किडनी की खराबी का पता चल जाये तो इस स्थिति में किडनी के लिए सही इलाज़ लेकर उसको ठीक किया जा सकता है|

दूसरे स्टेज में किडनी के खराब होने का पता चलने लगता है| इस स्टेज में आपको कुछ लक्षण दिखाई देने लगते हैं| पांव और चेहरे में सूजन आना|

 

एडवांस स्टेज में किडनी खराबी के संकेत:

  • पांव, चेहरा, आंख के नीचे सूजन
  • पेशाब में अत्यधिक झाग
  • बार-बार पेशाब होना
  • पेशाब में खून आना
  • भूख नहीं लगना
  • कमजोरी होना
  • थकावट

 

ऐसे बचाएं अपनी किडनी को खराब होने से:

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  • डायबिटीज और उच्च रक्तचाप दोनों को नियंत्रित रखें| क्योंकि ऐसा करने से किडनी में आने वाली खराबी की आशंका बहुत कम हो जाती है|
  • बीपी और डायबिटीज के मरीज रेगुलर किडनी की जांच कराएं ताकि आपको इस बात का पता चले कि आपकी किडनी ठीक से काम कर रही है या नहीं|
  • रेगुलर क्रिएटिनिन टेस्ट कराएं, इससे आपको पता चलेगा कि आपके शरीर में क्रिएटिनिन की कितनी मात्रा है|
  • यदि ब्लड में शुगर की मात्रा अधिक है तो फिजिशियन या इंडोक्रायनोलॉजिस्ट से मिलें|
  • जिन्हें किडनी में खराबी है उनका ब्लड प्रेशर 125/75 से कम रहना चाहिए|
  • अनावश्यक दर्द की दवा/जड़ी-बूटी या बिना डॉक्टर सलाह की दवा नहीं लें|
  • धूम्रपान, गुटखा, तंबाकू, शराब का सेवन बिलकुल न करें, यह आपकी किडनी को नुकसान पंहुचा सकता है|
  • स्वस्थ व्यक्ति को रोज 7 से 8 ग्लास पानी पीना चाहिए|

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