नमस्कार मेरा नाम सुमित है और मैं बनारस का रहने वाला हूँ| मेरी किडनी में खराबी को काफी लंबा समय हो गया था| जब मेरी किडनी में खराबी आई तो मुझे शरीर में काफी सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा| मुझे अक्सर थकान बनी रहती थी जिसके कारण मुझे कई बार बड़ा ही चिढ़ चिढ़ा सा महसूस होता था| दरसल मुझे प्रोटीन लोस की दिक्कत थी, जिसके लिए मैंने कोई शुरू में तो कोई इलाज़ नहीं लिया| जिसके बाद मेरी परेशानी बढ़ने लगी|
मेरी परेशानी इस हद तक बढ़ गई कि मुझसे अब उठा नहीं जा रहा था| मेरी सेहत में आई खराबी को दूर करने के लिए मैं डॉक्टर के पास गया और उन्हें अपनी परेशानी बता दी| जिसके बाद डॉक्टर उन्होंने मुझे कहा कि मैं KFT जाँच करवा लूँ| जब मैंने डॉक्टर के कहना पर यूरिन और ब्लड दोनों की जांच करवाई तो मुझे पता चला कि मेरी किडनी में खराबी आ गई है|
जिसके लिए मेरा एलॉपथी इलाज़ शुरू हुआ और जिसके चलते मेरा डायलिसिस होना शुरू हुआ| जब मेरा डायलिसिस शुरू हुआ तो इससे मेरी हालत और ज्यादा खराब हो गई| मुझे डायलिसिस से कोई आराम नहीं था| मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूँ? डॉक्टर ने तो यहाँ तक कह दिया था कि मुझे किडनी ट्रांसप्लांट करवाना होगा क्योंकि मेरी सेहत बिलकुल भी ठीक नहीं थी|
लेकिन मुझे समय पर कर्मा आयुर्वेदा के बारें में पता चला| जब मुझे कर्मा आयुर्वेदा का पता चला तो मैं सीधा कर्मा आयुर्वेदा उपचार केंद्र पहुंचा| वहाँ मेरी मुलाकत डॉ. पुनीत से हुई, जिन्होंने मुझसे मेरी रिपोर्ट्स मांगी और मुझसे कुछ सवाल किये| जिसके बाद मेरा इलाज़ शुरू हुआ और इसके बाद मैं ठीक होने लगा| अब मुझे शरीर में कोई दिक्कत नहीं हो रही थी और अब मैं पहले से बेहतर फील कर रहा हूँ|
इसके लिए डॉ. पुनीत को थैंक यू कहना चाहता हूँ जिन्होंने मुझे नया जीवन दिया| मैंने डॉक्टर के कहे अनुसार दवा लेना जारी रखा| कई लोग दवा खाना छोड़ देते हैं, और फिर उनकी शिकायत रहती है कि वो ठीक नहीं हो रहे| बल्कि ऐसा नहीं है| अगर आप समय पर दवा लेंगे तो आप ठीक रहेंगे और आप दवा का सेवन न छोड़े| क्योंकि ऐसा करना आपकी किडनी के लिए हानिकारक हो सकता है|
मेरी किडनी में खराबी पेशाब में संक्रमण के कारण हो गई थी, जिसके बाद मुझे शरीर में कई सारी तकलीफों का सामना करना पड़ा| मेरी किडनी में भी संक्रमण हो गया क्योंकि मैं अपनी पेशाब से जुड़ी समस्याओं को अनदेखा कर दिया करता था|
मुझे अक्सर पेशाब करने में परेशानी हुआ करती थी -
- जिसमें मुझे पेशाब करने में जलन,
- बहुत ज्यादा दर्द,
- पेशाब में झाग,
- पेशाब के रंग में कई बार बदलाव,
- पेशाब में प्रोटीन निकलने जैसी परेशानी,
- पेशाब की मात्रा में कमी,
- कभी तो पेशाब होती ही नहीं थी
मुझे पहले पहले पेशाब करने में तकलीफ हुआ करती थी, जिसके बाद मैं एक बार डॉक्टर के पास गया तो उन्होंने मुझे दवा दे दी और मैं ठीक हो गया| फिर जब मुझे कभी दोबारा पेशाब से जुड़ी परेशानी हुई तो मैंने खुद से ही वही दवा ले ली| इससे मैं ठीक तो हो गया लेकिन मुझे इस बात का बिलकुल भी अंदाज़ा नहीं था कि इसके कारण मेरी किडनी में संक्रमण आ जाएगा|
मैं बार बार यही गलती करता गया और जिसका नतीजा ये हुआ कि मेरी किडनी खराब हो गई| मुझे पेशाब करने में तकलीफ हुई तो मैंने वापस से वही दवा खाई लेकिन इस बार मुझे दर्द कम नहीं हुआ और मुझे पेशाब में खून भी आ गया| फिर क्या था अब मैं डर गया और सीधा डॉक्टर के पास गया, जब मैंने डॉक्टर को अपनी परेशानी बताई तो उन्होंने मुझे कुछ जांच करवाने कि सलाह दी|
जब मेरा इलाज़ शुरू हुआ तो मुझे डॉक्टर ने इसके लिए कुछ दवा दी लेकिन मुझे इस दवा का असर तो हुआ| जब मेरा डायलिसिस शुरू हुआ तो मुझे पहले दिन शरीर में कुछ अजीब सा दर्द और कमजोरी लगी| लेकिन जब तक आप जिंदा रहने की इच्छा रखते हैं, तब तक डायलिसिस करवाना पड़ेगा| जब मुझे ये पता चला तो बाकी बचा हुआ मनोबल भी टूट गया| ये कैसा इलाज है समझ ही नहीं आया क्योंकि मैं ठीक नहीं हो रहा था बल्कि मेरी सेहत और ज्यादा खराब होती जा रही थी|
मैं ठीक नहीं हो रहा था, मुझे डायलिसिस का कोई असर नहीं हो रहा था| जिसके बाद डॉक्टर ने मुझे साफ़ कह दिया था कि मुझे किडनी ट्रांसप्लांट करवाना होगा| मैंने डॉक्टर से ट्रांसप्लांट के लिए तारिक ले ली थी, क्योंकि मुझे पता था कि इसके अलावा और कोई विकल्प नहीं है| और शायद मेरा ट्रांसप्लांट हो गया होता अगर मुझे कर्मा आयुर्वेदा के बारें में पता न चलता तो|
मैंने अपने भाई से कहा कि कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल जाना है| ट्रांसप्लांट से पहले एक बार यहाँ चलते हैं, फिर हम दोनों कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल आये, जहां हमें डॉ. पुनीत मिले, मैंने उन्हें अपने बारें में सब बता दिया| उन्होंने कहा आप ठीक हो जाएँगे| जिसके लिए समय पर दवा खाना हैं, समय पर खाना खाना है, और खाने में जो परहेज कहे जाये वो करने हैं| बस इतना ही करना है|
मैंने उनकी कही सभी बातों को माना और परिणाम मुझे 20 दिनों में ही नज़र आया| मैं ठीक महसूस कर रहा था, अब मुझे पेशाब करने में दर्द नहीं था| मैंने इलाज़ लिया और आज मैं स्वस्थ हूँ इसके लिए मैं डॉ. पुनीत को जितना धन्यवाद कहूँ कम है| क्योंकि उन्होंने मुझे नया जीवन दिया है.
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