किडनी के लिए कौन सा टेस्ट होता है? - Which Test is Done For Kidney?

क्या आपने कभी किसी फैक्ट्री में मशीन को चलते हुए देखा है? अगर नहीं देखा तो हम बताते हैं| मशीन को चलाने के लिए बहुत से औजारों (टूल्स) की जरूरत होती हैं| ठीक इसी प्रकार हमारे शरीर को स्वस्थ रूप से काम करने के लिए बहुत से टूल्स यानी अंगों की जरुरत होती हैं जैसे हार्ट, किडनी और लीवर| वैसे तो कहने के लिए यह तीनों शरीर के अलग अलग अंग हैं लेकिन अगर किसी कारण शरीर के इन तीन अंगों में से एक भी अंग ठीक से काम नहीं करता है तो इसका सीधा प्रभाव दूसरे अंगों पर भी पड़ता हैं इसलिए आपके शरीर के इन तीन अंगों का स्वस्थ रहना बहुत जरुरी है|


अब आप में से बहुत से लोग ये सोच रहें होंगे कि फिर किडनी शरीर में क्या काम करती है? चलिए कोई नहीं हम आपको बताएँगे कि किडनी आपके शरीर का कितना महत्वपूर्ण अंग हैं| क्या आपने कभी कार या मोटरसाइकिल चलाई हैं? अगर आपने कार या मोटरसाईकिल नहीं भी चलाई तो इतना आप जानते ही होगे कि सभी गाड़ियों में इंजन होता है और गाड़ी को चलाने के लिए पेट्रोल, डीजल या प्राकृतिक गैस CNG or PNG डाला जाता है और जब यें ईंधन गाड़ी के इंजन में प्रवेश करता है तब गाड़ी चलती है|

अब आप सोच रहें होंगे कि इसमें कौन-सी बड़ी बात है? यह तो हमें पहले से पता है कि गाड़ी ईंधन से चलती है| जी हाँ, गाड़ी ईंधन से ही चलती हैं लेकिन आपकी गाड़ी में कैसा ईंधन इस्तेमाल हो रहा है और साथ ही आप समय-समय पर गाड़ी की सर्विस करवा रहें है या नहीं| इन बातों की जानकारी भी होनी चाहिए क्योंकि ख़राब ईंधन और समय पर सर्विस नहीं करवाने से गाड़ी के इंजन खराबी आ जाती हैं और आपकी गाड़ी में रूकावट आने लगती हैं| बिल्कुल यही स्थिति आपके शरीर में किडनी की भी है| किडनी आपके शरीर में इंजन का काम करती हैं जैसे गाड़ी को चलाने के लिए इंजन में तेल संचारण की जरूरत होती है| ठीक इसी प्रकार शरीर के स्वस्थ रहने के लिए किडनी से खून का संचारण शरीर के दूसरे हिस्सों में होना जरुरी है| इसलिए आपका इस बात का ध्यान रखना बहुत जरुरी हैं कि आप कैसा भोजन लें रहे है? क्योंकि ख़राब खानपान से आपकी किडनी खून को फ़िल्टर नहीं कर पाती है और इसके कारण आपकी किडनी में संक्रमण भी बढ़ता है| किडनी में संक्रमण या किडनी की खराबी का पता लगाने के लिए आपको KFT जाँच करवानी पड़ती हैं क्योंकि KFT जाँच के बाद ही किडनी खराबी के कारणों का आसानी से पता लगाया जा सकता है|

ayurvedic medicine for high creatinine

KFT-किडनी फंक्शन टेस्ट:-

किडनी के ख़राब होने या किडनी में संक्रमण बढ़ने के कारणों को जानने के लिए KFT जाँच करवानी पड़ती है| KFT किडनी की सबसे महत्वपूर्ण जाँच होती है| इस जाँच के अंतर्गत किडनी की कार्यक्षमता को देखा जाता हैं कि किडनी सामान्य रूप के अपना काम कर रही है या नहीं| किडनी की कार्यक्षमता को जांचने का मुख्य आधार KFT हैं| KFT के अंतर्गत भी विभिन्न प्रकार की जांचे शामिल हैं जिसमें किडनी में संक्रमण बढ़ने वाले कारणों की गहन जाँच की जाती हैं|

Read Also This Article - Are High Creatinine Levels An Indication of Kidney Failure?

चलिए हम आपको बताएँगे कि kidney Function Test के अंतर्गत दूसरी और कौन-सी जाँचों को करवाने के बाद किडनी में खराबी आसानी से पुष्टि की जा सकती हैं|

  • सीरम क्रिएटिनिन टेस्ट (Serum Creatinine Test) -

सीरम क्रिएटिनिन टेस्ट KFT के अंतर्गत की जाने वाली सबसे महतवपूर्ण जाँच होती है| इसमें मुख्य रूप से खून में क्रिएटिनिन के लेवल की जाँच की जाती है| एक स्वस्थ व्यक्ति की किडनी क्रिएटिनिन को खून से छानकर पेशाब के रास्ते शरीर से बाहर निकाल देती है| खून में क्रिएटिनिन का लेवल बढ़ना किडनी की बीमारी का संकेत देता है|

सीरम क्रिएटिनिन टेस्ट को करने के लिए डॉक्टर आपके खून का सेम्पल लेता है| इसकी जाँच की रिपोर्ट आपको 24 घंटों के अन्दर मिल जाती है| क्या आप जानते हैं कि आपके खून में क्रिएटिनिन का लेवल कितना रहना चाहिए? आपकी जानकारी के लिए बता दें महिला और पुरुष दोनों के खून में क्रिएटिनिन का स्तर अलग-अलग होता हैं| अगर पुरूषों की बात की जाएं तो सामान्य रूप से पुरूषों के खून में क्रिएटिनिन का लेवल 1.4 mg/dl और वहीँ महिलाओं में सामान्य रूप से क्रिएटिनिन का स्तर 1.2 mg/dl होता है|

  • रक्त यूरिया नाइट्रोजन (Blood Urea Nitrogen, BUN) -

रक्त यूरिया नाइट्रोजन(BUN) में खून में अपशिष्ट व विषैले पदार्थों की जाँच की जाती है| इस जांच से स्पष्ट हो जाता हैं कि आखिर किडनी रोगी को किन कारणों से खून में इन्फेक्शन बढ़ रहा है| BUN में पेशाब से प्रोटीन निकलने की जाँच की जाती है| किडनी में संक्रमण बढ़ने के कारण यूरिया नाइट्रोजन प्रोटीन से टूटकर अलग हो जाता हैं और पेशाब के रास्ते बाहर निकल जाता हैं| खून में यूरिया नाइट्रोजन का बढ़ता लेवल किडनी की खराबी की ओर संकेत करता हैं|किडनी में खराबी आने पर KFT जाँच के अंतर्गत रक्त यूरिया नाइट्रोजन की जाँच करना भी जरुरी होता है|

Read Also This Article - What is The Best Medicine To Reduce Creatinine?

  • रक्त यूरिया टेस्ट (Blood Urea Test) -

रक्त यूरिया टेस्ट में रक्त यूरिया की जाँच BUN के आधार पर की जाती है क्योंकि रक्त यूरिया की जाँच रक्त यूरिया नाइट्रोजन के स्तर से मापी जा सकती है| सामन्यता रक्त यूरिया, रक्त यूरिया नाइट्रोजन का 2.1 गुना होता हैं| उदहारण के लिए यदि रक्त यूरिया नाइट्रोजन BUN का लेवल 15 है तो रक्त यूरिया का लेवल 15x2.1 =31.5 mg/dl होगा| किडनी में संक्रमण बढ़ने पर रक्त में यूरिया की मात्रा भी तेजी से बढ़ने लगती है| इसलिए किडनी की खराबी जांचने के लिए रक्त यूरिया टेस्ट भी करवाना होता है|

Read Also This Article - At What Creatinine Level Should Dialysis Start?

  • इ-जीएफआर (Estimated GFR) -

GFR अर्थात Glomerular Filtration Rate| किडनी खून को फ़िल्टर करती है और अपशिष्ट व विषैले तत्वों को शरीर से बाहर निकालती हैं| किडनी में ग्लोमेरुली नामक छन्नी के आकर का फ़िल्टर होता है जो खून से विषैले तत्वों को छानने का काम करती हैं| GFR की जाँच में किडनी की छन्नी यानी फ़िल्टर करने की कार्यक्षमता को मापा जाता हैं और किडनी में संक्रमण बढ़ने के कारण ग्लोमेरुली नामक छन्नी की फ़िल्टर करने की गति धीमी पड़ जाती है| इसलिए GFR की जाँच से पता चल जाता है कि आखिर किन कारणों से ग्लोमेरुली छन्नी रक्त से अपशिष्ट व विषैले तत्वों को फ़िल्टर नहीं कर पा रही है?

  • यूरिन टेस्ट (Urine Test) -

यूरिन टेस्ट किडनी की खराबी को जांचने का सबसे आसन तरीका है| किडनी में किसी प्रकार की खराबी होने पर पेशाब का रंग बदलने लगता हैं किडनी में संक्रमण बढ़ने पर पेशाब के साथ प्रोटीन निकलने लगता है| यूरिन टेस्ट से किडनी में खराबी होने वाले कारणों को आसानी से पता लगाया जा सकता है|

Read Also This Article - What does it mean when creatinine is high, and eGFR is low?

किडनी शरीर का सबसे संवेदनशील अंग हैं| इसलिए आपको अपने खाने-पीने पर विशेष रूप से ध्यान देने की आवश्यकता होती हैं| आप अपने खाने में कम मसालेदार और विशेष रूप से सिमित मात्रा में नमक का सेवन करके किडनी की खराबी जैसी समस्या से खुद को बचा सकते हैं| यदि आपको किडनी संबंधी कोई परेशानी होती हैं तो सबसे पहले अपने डॉक्टर से संपर्क करें और डॉक्टर की सलाह पर ही दवाइयों का सेवन करें बिना किडनी की जाँच करवाएं खुद से कोई दवाई न खाएं ऐसा करने से आपकी किडनी की ख़राब होने की संभावना अधिक बढ़ जाती हैं| अपनी डाइट में संतुलित आहार का सेवन करें| यदि आप किडनी संबंधी समस्या से ग्रसित हैं तो आयुर्वेदिक औषधियों से भी अपना उपचार करवा सकते हैं|

Post a Comment

0 Comments