नमस्कार, मेरा नाम सचिन कुमार है| मैं फ़रीदाबाद, हरियाणा का रहने वाला हूँ| पिछले 2 सालों पहले मेरी किडनी पूरी तरह डैमेस हो चुकी थी जिसके लिए मेरा डायलिसिस भी चल रहा था लेकिन मेरी हालत इतनी गंभीर हो चुकी थी कि डायलिसिस से भी आराम मिलना बंद हो गया था|
मैंने तो ठीक होने की उम्मीद ही छोड़ दी थी| लेकिन कर्मा आयुर्वेदा (Ayurvedic kidney treatment without dialysis in India) से आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट करवाने से मेरा क्रिएटिनिन धीरे-धीरे कम होने लगा और मेरी किडनी भी पहले से स्वस्थ होने लगी|और पढ़े - देवेश पांडे मीठा खाने का शोक बना किडनी खराबी का कारण
मैं ऑटोमोबाइल इंजीनियर हूँ| मुझे गाड़ियों के इंजन टेस्टिंग के लिए कंपनी शोरूमों में जाना पड़ता था| इसके लिए मुझे ट्रेवल ज्यादा करना पड़ता था| जिसकी वजह में से मेरा खाना-पीना भी टाइम पर नहीं हो पता था और ऊपर से मुझे ब्लड शुगर की बीमारी भी थी|
एक दिन जब मैं गाजियाबाद से दिल्ली आ रहा था तो अचानक मेरी तबीयत खराब होने लगी मुझे लगा जैसे मुझे चक्कर आ रहे हो मैं अपने ड्राइवर से कहा कि मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहा तो उसने जल्दी से गाजियाबाद के मेट्रो हॉस्पिटल में एडमिट करवा दिया वहाँ मैं तकरीबन दो दिन रहा|
वहाँ पर मेरे सारे टेस्ट किए गए तो डॉक्टर ने मुझे बताया कि मेरी किडनी में सिकुड़न आ गए है फिर डॉक्टर ने पूछा आपके परिवार में पहले तो किसी को किडनी खराबी की शिकायत तो नहीं रही कभी| फिर मुझे याद आया कि मेरे दादाजी को भी किडनी खराबी की शिकायत थी फिर डॉक्टर साहब ने मुझे बताया कि कुछ रोग ऐसे होते है एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी के लोगों तक उसका असर पड़ता है और इसे कारण से मुझे भी किडनी में सिकुड़न का सामना करना पड़ा|
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2 महीने एलोपैथिक दवाइयों लेने के बाद भी मेरी तबीयत में कोई सुधार नहीं आया| अब तो मेरा खाना खाने का कम बिलकुल भी नहीं कर रहा था मैं पूरे दिन में बस एक टाइम ही खाना खा रहा था मुझे बहुत कमजोरी भी महसूस होने लगी थी|
कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि आखिर ऐसा क्या हो रहा है मेरे साथ| मेरा ब्लड शुगर भी कंट्रोल में नहीं रहता था मैं ब्लड शुगर कंट्रोल करने की दवा तो ले रहा था लेकिन उनसे भी मेरा ब्लड शुगर कंट्रोल नहीं हो रहा था| जिससे मुझे दिन में कई बार उल्टियां आने लगी और मेरी भूख कम हो गई।
इन दोनों समस्याओं के कारण मैं बहुत कमजोर हो गया था और मुझ पर दवाओं का कोई असर नहीं हो रहा था, जिसके कारण मैं बहुत कमजोर हो गया था और मुझे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। अस्पताल में घरवालों ने मुझसे कई टेस्ट कराने को कहा, डॉक्टर के कहने पर मैंने सारे टेस्ट करवाए और डॉक्टर को रिपोर्ट दिखा दी|
मेरी रिपोर्ट देखने के बाद, डॉक्टर ने मुझे बताया कि मेरी किडनी फेल हो गई है और अब मुझे डायलिसिस से गुजरना होगा। अपने घर वालों की सहमति के बाद, मैंने कुछ ही दिनों में डायलिसिस शुरू कर दिया। जब मेरा पहला डायलिसिस हुआ था, तो मुझे इससे बहुत नुकसान हुआ था, जिसे सहन करना बहुत मुश्किल था।
कई महीनों तक डायलिसिस कराने के बाद भी मुझे कोई आराम नहीं मिल रहा था, जिसके चलते डॉक्टर मुझे किडनी ट्रांसप्लांट कराने के लिए कहने लगे लेकिन मैं इसके लिए तैयार नहीं थी। अब मैंने हार मान ली थी क्योंकि मैं समझ गया था कि मेरे पास ज्यादा समय नहीं बचा है, लेकिन फिर एक दिन मुझे आशा की एक किरण दिखाई दी। मुझसे मिलने आए, उन्होंने मुझे कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल से आयुर्वेदिक उपचार Ayurveda kidney Failure Treatment Without Dialysis लेने की सलाह दी। उन्होंने मुझे बताया कि दिल्ली में ही कर्मा आयुर्वेदा नाम से एक अस्पताल है, जहां बिना डायलिसिस के किडनी फेल्योर का इलाज किया जाता है। मैंने उनकी बात मानी और कुछ ही दिनों में मैं कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल गया, जहां मेरी मुलाकात डॉ. पुनीत से हुई।
मैंने उसे अपनी सारी रिपोर्ट दिखाई, जिसे देखने के बाद उसने मुझसे कहा कि अगर मैं उचित आयुर्वेदिक दवाएं लेता हूं और अपने आहार का ख्याल रखता हूं, तो मैं जल्द ही ठीक हो जाऊंगा। फिर क्या था, मैं घर आया और डॉक्टर पुनीत द्वारा दी गई आयुर्वेदिक दवाएं लेने लगा, जिससे कुछ ही हफ्तों में मुझे अपने आप में सुधार दिखाई देने लगा और मैं कुछ ही महीनों में ठीक हो गया।
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