किडनी रोगी को संभोग करते समय किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है?

आप जिस व्यक्ति से प्यार करते हैं, उनसे साथ न केवल आप emotional रूप से जुड़ते है बल्कि physically भी connected रहते है और जैसा कि आप जानते ही होंगे कि संभोग करने से आपके और आपके पार्टनर के बीच में एक अच्छी understanding develop होती है...........


लेकिन इसमें सबसे जरूरी ये जानना है कि संभोग करते समय आप कैसा महसूस करते है? क्योंकि बहुत से कपल्स शादी से पहले किसी बीमारी से infected होते है और उन्हें लगता है कहीं संभोग करने से उनकी हैल्थ पर इसका negative impact पड़ सकता है, इसलिए वो अपनी लाइफ में संभोग करने को ज्यादा important नहीं देते और ऐसा करने से उनके खुशहाल जीवन में बहुत सारी problems खड़ी हो जाती है............

लेकिन कुछ कपल्स ऐसे भी होते हैं जो किडनी की समस्या से जूझ रहे होते हैं| इसलिए आपको बता दें कि किडनी की बीमारी या किडनी फेलियर में - हार्मोन, नव्ज़, एनर्जी लेवल और यहां तक की दवा तक कई चीजें हैं जो आपकी संभोग करने की इच्छा को प्रभावित कर सकती हैं…………..

तो चलिये जानते है कि संभोग करते समय किडनी रोगी को क्या परेशानियाँ आती है?............

किडनी की खराबी का न सिर्फ आपकी health पर negative impact पड़ सकता है बल्कि इसके साथ ही किडनी रोगी की संभोग करने की इच्छा भी कम होने लगती है| इसलिए किडनी रोगी के मन में हमेशा से संभोग करने को लेकर दुविधा रहती है कि क्या संभोग करना ठीक है या गलत?

चलिये जानते हैं क्यों होती है किडनी रोगी की संभोग में रुचि कम?.........

किडनी की बीमारी या किडनी फेल होने की वजह से संभोग में आपकी रुचि बदल सकती है। सबसे पहले संभोग को लेकर आपकी रुचि कम हो सकती है और यह इसलिए हो सकता है क्योंकि किडनी रोगी को बीमारी से लड़ने के लिए शारीरिक और भावनात्मक रुप से ऊर्जा की आवश्यकता होती है। लेकिन समय के साथ आपकी रुचि सामान्य हो सकती है..............

शायद आप नहीं जानते कि किडनी की दवाओं के साइड इफेक्ट से हो सकता है खून में गंदे या ज़हरीले पदार्थों का निर्माण, जो डायलिसिस या दूसरे तरीकों से हटाया नहीं जा सकता है। इनमें से कई समस्याओं को आयुर्वेदिक उपचार से ठीक किया जा सकता है।

कभी-कभी Emotions भी शरीर में संभोग process को प्रभावित कर सकती हैं। इसमें तनाव, डिप्रैशन, विकलांगता, मृत्यु का डर और शादी की समस्याएं जैसे बहुत कुछ शामिल हैं।.........

कुछ लोगों में, किडनी की बीमारी होने से शारीरिक परिवर्तन हो सकते हैं जो उन्हें कम आकर्षक महसूस करा सकते हैं। इससे संभोग करने को लेकर रुचि भी प्रभावित हो सकती है । यहां तक की कपल्स की संभोगलाइफ भी बदल रही है, उन्हें अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए।इनमें से कई समस्याओं का इलाज सफलतापूर्वक किया जा सकता है।

तो चलिये सबसे पहले हम जानेगें कि क्या संभोग करना किडनी रोगी के लिए सुरक्षित है या नहीं ?

बहुत से किडनी रोगियों और उनके पार्टनर को यह चिंता हो सकती है कि संभोग करने से रोगी की मृत्यु हो सकती है या डायलिसिस करवाने से किडनी ट्रांसप्लांट करवाने की नौबत भी आ सकती है......

अगर संभोग प्रक्रिया रोगी पर किसी प्रकार को कोई दबाव, चिंता या तनाव नहीं डालता है, तो इससे नुकसान नहीं होगा। यह डर लोगों के संभोग Activities न करने का कारण बन सकता है। किडनी ट्रांसप्लांट के बाद तब तक संभोग के लिए इंतजार करना ज़रुरी है जब तक stitches के निशान ठीक नहीं हो जाते और अगर एक बार डॉक्टर ने कह दिया कि संभोग Activities कर सकते हैं.................

कुछ लोगों के लिए संभोग मुमकिन नहीं हो पाता क्योंकि उन्हें लगता है कि संभोग उतना ज़रुरी नहीं है जितना पहले था । लेकिन गले लगना, चुंबन लेना जैसी क्रियाएँ संभोग में शामिल नहीं होती लेकिन उस भावना को जन्म देती है । इसके लिए संभोग स्पेशलिस्ट से संभोग के दूसरे थेरेपी का परामर्श ले सकते हैं ।

चलिये अब जानते हैं यदि समस्या मनोवैज्ञानिक है तो क्या किया जा सकता है?

किडनी की बीमारी और किडनी फेल होने जैसी गंभीर बीमारी का सामना करने पर चिंता या उदास महसूस करना सामान्य है। ये भावनाएं संभोगके साथ-साथ कई दूसरे कामों में ऊर्जा की कमी और कम रुचि पैदा कर सकती हैं...........

यदि किसी तरह की संभोगसमस्या होती है, तो शर्मिंदगी और हीन भावना हमेशा मन में रहती है।डर है कि संभोगसमस्या फिर से होगी और इसकी वजह से व्यक्ति संभोगसे दूर हो सकता है।रिलैक्सेशन एक्सरसाइज इन उम्मीदों को कंट्रोल करने में मदद कर सकती हैं.......

रोज़ाना शारीरिक व्यायाम मन को बिज़ी रखने में मदद करते है और शरीर के आकार में सुधार कर सकते हैं। यदि संभोग समस्याएं जारी रहती हैं, तो संभोग थेरेपी मदद कर सकती है, भले ही समस्या मनोवैज्ञानिक हो लेकिन शारीरिक समस्याओं के लिए बताये गए कुछ उपचार मददगार हो सकते हैं।

चलिये जानते है आखिर कितनी मददगार है संभोग थेरेपी किडनी रोगियों के लिए

संभोग थेरेपी कपल्स और व्यक्तियों की संभोग समस्याओं से संबंधित है। संभोग थेरेपी में पहला कदम व्यक्ति या कपल के लिए संभोग करने की सही knowledge या जानकारी देना होता है। डॉक्टर घर पर संभोग की जाने वाली activities के बारे में परामर्श दे सकते है………….

इनमें communication exercise, Depression कम करने की activities और सुखद स्पर्श देने और प्राप्त करने के कौशल में सुधार के तरीके शामिल हैं………

संभोग थेरेपी कम संभोग रुचि, चरम सुख तक पहुंचने में समस्या, संभोग करते समय दर्द और दूसरी परेशानियों को दूर करने में मदद कर सकती है। इसके साथ ही संभोग थेरेपी करने से पुरानी बीमारी के असर को कम करके किडनी रोगी को काम करने में भी मदद कर सकती है।

जानिए किडनी के मरीज खुद की मदद कैसे कर सकते हैं?

आपको बता दें कि किडनी की बीमारी और उसके उपचार के बारे में जानने में एक्टिव रहें, संतुलित आहार का पालन करें, सभी दवाओं को ठीक से लें और किसी भी तरह के साइड इफेक्ट के बारे में अपने डॉक्टर से consult जरूर करें, इसके अलावा मांसपेशियों की टोन, शक्ति की मदद करने के लिए एक व्यायाम प्रोग्राम के लिए पूछें.........

यदि आवश्यक हो तो आपका डॉक्टर वजन बढ़ाने या किसी कार्यक्रम का सुझाव दे सकते हैं । एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाएं । ऐसी चीज़ों से दूर रहें जो आपकी संभोग क्रिया को प्रभावित कर सकती हैं, जैसे - बहुत अधिक शराब पीना और धूम्रपान करना आदि ।

क्या बच्चे पैदा करने में कोई समस्या है?

स्पर्म यानि वीर्य उत्पादन किडनी की बीमारी से प्रभावित नहीं होता| लेकिन हां, गर्भाश्य में जटिलताएं हो सकती हैं और गर्भावस्था शरीर पर बहुत तनाव डाल सकती है ...........

अगर आपको किडनी की बीमारी या आपकी किडनी फेल है, तो यह आपको और आपके पैदा होने वाले बच्चे के स्वास्थ्य को खतरे में डाल सकता है। यह किडनी की बीमारी को और भी बदतर बना सकता है। यदि आप गर्भवती होने की सोच रही हैं, तो आपको अपने डॉक्टर से सावधानी से चर्चा करनी चाहिए।

अब आप समझ ही गए होंगे कि किडनी की बीमारी यूं तो संभोग जीवन पर प्रभाव नहीं डालती परंतु यदि आप सामान्य लोगों की तरह जीवनशैली अपनाएंगे तो आपको समस्या हो सकती है, इसलिए जागरुक रहने की आवश्यकता है । तनाव न लें और जितना हो सके सावधानी बरतें................

आप खराब किडनी को ठीक करने के लिए आयुर्वेदिक उपचार भी ले सकते है क्योंकि आयुर्वेदिक उपचार से किडनी को किसी भी प्रकार का साइडिफेक्ट का खतरा नहीं होता है| आयुर्वेदिक औषधियों के साथ बैलेस डाइट में फलों को लेने से आसानी से खून को बढ़ाया जा सकता है| इसलिए आयुर्वेदिक उपचार लेने से किडनी फेलियर खून को बढ़ा सकते है|

अगर आपकी किडनी में कोई भी समस्या है तो इसको अनदेखा न करें और अगर आप अपनी किडनी के लिए इलाज लेना चाहते हैं तो आयुर्वेदिक इलाज़ सबसे सुरक्षित है...

क्योंकि आयुर्वेदिक इलाज़ में आपकी किडनी को किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं होता...आयुर्वेदिक इलाज़ पूरी तरह प्राकृतिक है, जो अपना काम पूरा natural तरीके से करता है|

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