किडनी खराब कब होती है ? - When Does Kidney Damage Occur?

किडनी हमारे शरीर का बहुत महत्वपूर्ण अंग है| किडनी हमारे शरीर से अपशिष्ट पदार्थो को यूरिन के माध्यम से बाहर निकालने का काम करती है जिससे आपके शरीर में गंदगी जमा नहीं रहती और आपकी किडनी के काम में कोई दबाव भी नहीं आता| इसी के साथ किडनी शरीर से एसिड आदि का निष्कासन कर शरीर के रक्त में जरुरी तत्वों और मिनरल्स का संतुलन बनाये रखती है, जैसे कि सोडियम, कैल्सियम, फोस्फोरस और पोटैशियम!


 

किडनी की बीमारी के लक्षण:-

  • खुजलाहट
  • मांसपेशियों में तनाव
  • मिचली और उल्टी जैसा मन होना
  • भूख न लगना
  • पेरो और एड़ियों में सूजन आना
  • पेशाब कम-ज्यादा आना
  • साँस लेने में दिक्कत होना
  • नींद में गड़बड़ी होना

अगर आपकी किडनी ने अचानक काम करना बंद कर दिया है, तब आप अन्य लक्षण भी महसूस कर सकते हैं|

किडनी खराब होने के कारण:

डायबिटीज:

किडनी फेल होने के पीछे सबसे बड़ा कारण डायबिटीज है| इसके मरीजों को किडनी फेल होने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है| जिन मरीजों को डायबिटीज पहले से है, उन्हें अपनी सेहत का अधिक ध्यान देना चाहिए|

उच्च रक्चाप:

उच्च रक्तचाप के मरीजों में भी किडनी फेल होने का खतरा ज्यादा होता है| ऐसे मरीजों को अपने ब्लड प्रेशर को कण्ट्रोल में रखना चाहिए|

एंटी-बायोटिक दवाइयों का सेवन:

कई तरह की एंटी-बायोटिक दवाइयां अधिक मात्रा में लेने के कारण किडनी फेल का खतरा बढ़ जाता है|

रक्त संचार का ठीक न रहना:

किडनी में अगर खून का पहुंचना अचानक बंद हो जाये या कमी आ जाये तो किडनी के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है| खून कम पहूँचने की स्थिति में दिल का दौरा, दिल की बीमारी, किडनी फेल हो सकती है|

यूरिन से जुड़ी परेशानी:

पेशाब सम्बन्धी समस्यांए भी किडनी की बीमारी होने में अहम योगदान देती है| जब रक्त में से अपशिष्ट पदार्थ पेशाब के माध्यम से निकलने में परेशानी होती है तब किडनी पर विपरीत प्रभाव पड़ता है| इससे कभी-कभी ये पदार्थ मूत्र मार्ग और अन्य अंगो को रोक देते हैं|

जेनेटिक कारण:

किडनी खराब होने का एक अन्य और सबसे जरुरी कारण वंशानुगत है| अगर किसी के परिवार की पीढियों में किडनी संबंधित बीमारियों का इतिहास है तो इसकी 90% आशंका है कि भविष्य में आने वाली पीढियों को भी ऐसी कोई बीमारी से जूझना पड़े|

इस बीमारी से बचाव के उपाय:

ये तो आपने सुना ही होगा कि उपाय से बेहतर बचाव| आज की इस दौड़ती-भागती जिन्दगी में सब इतने व्यस्त हैं कि किसी को अपनी सेहत का ख्याल रखने का तो क्या ख्याल रखने की फ़िक्र करने तक का समय नहीं है| ऐसे में आयुर्वेद किडनी सम्बन्धी रोगों का इलाज करने के लिए बेहतर विकल्प है|

  1. संतुलित आहार – आयुर्वेद की सहायता से किडनी सम्बंधित रोगों का इलाज बहुत ही आसान और सस्ता भी है| इसमें डॉक्टर मरीजों को संतुलित भोजन करने की सलाह देते हैं|
  2. योग और व्ययाम – आयुर्वेद में योग का अहम स्थान है| योग के जरिये किडनी सम्बंधित बीमारियों से निजात पाना संभव है| डॉक्टर्स कई तरह के आसन करने की सलाह देते हैं जोकि इन बीमारियो में बहुत कारगर सिद्ध होते हैं|
  3. घरेलू नुस्खे –अदरक, अजवाइन, हल्दी, अंगूर, मूंगफली, संतरे, तरबूज व नींबू का रस आदि सामग्रियों का इस्तेमाल करके किडनी की सफाई कर इन रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है|

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