किडनी हमारे शरीर
का सबसे खास अंग है, इसके खराब होने पर व्यक्ति को कई समस्यों का
सामना करना पड़ता है। यह हमारे शरीर में बहने वाले खून को साफ करने का काम करती है, जिससे हमारे शरीर में रासायनिक संतुलन बना रहता है और शरीर का ठीक से विकास
होता रहता है। लेकिन किडनी खराब होने पर व्यक्ति का शारीरिक विकास काफी रूक जाता
है, ऐसे में किडनी को जल्द से जल्द ठीक करने की जरूरत होती है।
किडनी खराब होने पर किडनी के लिए आयुर्वेदिक उपचार लेना चाहिए.
लेकिन हमें चाहिए
कि हम अपनी किडनी को खराब होने से जितना हो सके उतना बचाने की कोशिश करनी चाहिए।
एक व्यक्ति अपनी किडनी को कई तरीकों से खराब होने से बचा सकता है और उसे मजूबत बना
सकते हैं। हम किडनी को मजबूत करने के लिए निम्नलिखित पेय उत्पादों juice को
अपने आहार में शामिल कर सकते हैं –
सेब का जूस –
सेब गुणों की खान
है, यह कई रोगों से राहत दिलाने में मदद करता है। सेब के जूस में उच्च मात्रा में
फाइबर और एंटीओक्सिडेंट तत्व मिलते हैं। इसके अलावा 100 ग्राम सेब में 1 मिली
ग्राम सोडियम, 107 मिली ग्राम पोटेशियम और 10 मिली ग्राम फोस्फोरस होता है जोकि
किडनी रोगी के लिए काफी है। सेब का जूस किडनी की सफाई के अलावा कोलेस्ट्रॉल को भी
कम करने में मदद करता है। सेब का जूस रक्त में शर्करा के स्तर को कम करने में मदद
करता है, जिससे मधुमेह काबू में आता है और किडनी पर दबाव नहीं पड़ता। सेब के इन्हीं
सभी कार्यों से शरीर में क्रिएटिनिन का स्तर कम होने लगता है और किडनी स्वस्थ बनी
रहती है.
कैनबेरी का जूस -
किडनी को मजबूत
करने के लिए आपको कैनबेरी का जूस अपने आहार में शामिल करना चाहिए। कैनबेरी का जूस
मूत्र पथ संक्रमण और किडनी की बीमारी को दूर करने में मदद करता है। कैनबेरी के जूस
में ए-टाइप प्रोएंथोसाइनिडिन्स (A-type proanthocyanidins) तत्व मिलते हैं, यह तत्व मूत्र पथ संक्रमण के प्रभाव को
कम उससे होने वाली परेशानियों से आराम दिलाता है। कैनबेरी का जूस काफी हद्द तक
क्रिएटिनिन का स्तर कम करने में मदद करता है, इसलिए इसे किडनी रोगी को देने की
सलाह भी दी जाती है.
लाल अंगूर का जूस –
लाल अंगूर का जूस
ना केवल पीने में स्वादिष्ट होता है बल्कि यह हमारी किडनी रोगी के लिए काफी
फायदेमंद होता है। लाल अंगूर के पोष्टिक तत्वों की बात करे तो आपको बता दें इसमें
काफी मात्रा में विटामिन c और उच्च मात्रा में फ़्लवोनोइडस (flavonoids) तत्व मिलते है। फ़्लवोनोइडस एक खास तरह का
एंटीओक्सिडेंट है जो रक्त को जमने से रोकता है। लाल अंगूर के जूस में भी
रेवेर्सटोल नाम का भी एंटीओक्सिडेंट मिलता है, यह रक्त प्रवाह को सुचारू बनाने में
मदद करता है। रक्त प्रवाह सुचारू होने और रक्त में थक्का ना बनने से किडनी पर दबाव
नहीं पड़ता जिससे चलते यह किडनी को मजबूत बनता है.
बुल्बेरी का जूस –
ब्लूबेरी
फल पोषक तत्वों के साथ-साथ कई एंटीओक्सिडेंट तत्वों से भरपूर होता है। ब्लूबेरी के
अंदर एंथोसायनिन (anthocyanin) तत्व मिलता है, यह एक किस्म का एंटीओक्सिडेंट तत्व है जो सबसे
ज्यादा ब्लूबेरी में ही पाया जाता है। यह जूस ना केवल एक स्वस्थ व्यक्ति बल्कि किडनी
रोगी के लिए काफी फायदेमंद होता है, क्योंकि इसमें सोडियम, पोटेशियम, प्रोटीन और
फोस्फोरस काफी कम मात्रा में मिलते हैं। इसके सेवन से ना केवल क्रिएटिनिन का स्तर कम होता है बल्कि दिल से जुड़ी
बीमारियों, कैंसर, मधुमेह और उच्च रक्तचाप में भी राहत दिलाता है। किडनी रोगी
चिकित्सक की सलाह से इसका सेवन कर सकते हैं, क्रिएटिनिन के बढ़ते स्तर को काबू में लाने
के लिए भी आप ब्लूबेरी के जूस का भी सेवन कर सकते हैं.
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