दोस्तों, थकान लगना, बालों का झड़ना, टाइम से पीरियड न आना, टेंशन, ज्यादा पसीना आना और बार-बार भूख लगना आदि कुछ ऐसे लक्षण हैं जिन्हें आप महसूस तो करते हैं। बस, सही जानकारी नहीं होने कारण इन लक्षणों को नजरअंदाज कर देते है| लेकिन क्या आप जानते हैं? ये लक्षण केवल थायरॉयड होने के ही नहीं बल्कि किडनी खराब होने के कारण भी दिख सकते हैं|
तो चलिये जानते है कहीं थायराइड होना किडनी खराबी का कारण तो नहीं!
तो सबसे पहले हम जानते है कि थायराइड क्या होता है और ये आपके शरीर में क्या काम करता है ताकि आप यह जान सके कि कैसे थायराइड के ये लक्षण किडनी खराबी का कारण हो सकते है| जब गले में पाई जाने वाली थायराइड ग्रंथि Normally काम करना बंद कर देती है, तब थायराइड की समस्या आती है। तितली के आकार की यह ग्रंथि वोकल कॉर्ड के नीचे और गले के सामने वाले भाग में पाई जाती है|
तो आइये जानते हैं थायराइड हार्मोनस कैसे काम करते हैं?
कर्मा आयुर्वेदा के किडनी विशेषज्ञ डॉ. पुनीत का कहना हैं कि थायराइड एक गंभीर बीमारी है। आज दुनिया भर में हर पांच में से एक व्यक्ति इस बीमारी से ग्रस्त है। थायराइड हार्मोन शरीर में डाइजेस्टिव जूस को बढ़ाने में help करती है। लेकिन जब थायराइड ग्रंथि हार्मोन्स को रिलीज़ नहीं कर पाती तो ऐसे में आपका डाइजेस्टिव सिस्टम खराब हो जाता है और इसका सीधा असर आपके लीवर और किडनी पर भी पड़ता है|
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यह बॉडी के टेम्प्रेचर को संतुलित रखने के साथ टिश्यूज को बढ़ाने का काम करता है। थायराइड हार्मोन रक्त से खराब कोलेस्ट्रॉल को निकालने में लीवर की मदद करता है। यह मल-मूत्र के माध्यम से कोलेस्ट्रॉल को शरीर से बाहर निकालता है। लेकिन जब बॉडी का टेम्प्रेचर बढ़ने या घटने लगता है तो ऐसे में थायराइड हार्मोन्स रक्त से खराब कोलेस्ट्रॉल को नहीं निकाल पाते तो इसका सीधा असर सबसे पहले लिवर पर पड़ता है और लिवर में खराबी आने से मल-मूत्र के माध्यम से कोलेस्ट्रॉल शरीर से बाहर नहीं निकल पाते जिससे आपके मूत्र मार्ग में इन्फेक्शन बढ़ने लगता है और आपकी किडनी भी खराब होने लगती हैं| इसलिए थायराइड के ये लक्षण किडनी खराब होने के कारण भी हो सकते है|
आइये जानते है अनियमित थायराइड हार्मोन के निर्माण से क्या होता है?
थायराइड से पीड़ित लोगों में थायराइड का कम या ज्यादा निर्माण होने लगता है। इससे कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अगर शरीर में थायराइड का निर्माण कम हो जाए, तो इससे खराब कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती है। जिसके कारण अच्छे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा शरीर में घटने लगती है और ऐसे स्थिति में हार्ट संबंधी समस्या, लिवर की खराबी और किडनी डैमेस होने का खतरा अधिक बढ़ जाता हैं|
थायराइड हार्मोन शरीर के मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करता है। ऐसे में जरुरत से ज्यादा इसके निर्माण से कब्ज और दस्त की समस्या हो सकती है और आपको लिवर से जुड़ी दिक्कते आ सकती है यदि समय पर थायराइड का ट्रीटमेंट नहीं किया गया तो यह किडनी की खराबी का कारण बन सकता हैं| इसलिए थायराइड के ये लक्षण किडनी खराब होने के कारण भी हो सकते है|
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जानिए थायराइड बीमारी के लक्षण
जो लोग थायराइड से पीड़ित है, उनमें कई तरह के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। जैसे -
- पहला लक्षण है - चिंता और तनाव का बढ़ना। अच्छी नींद लेने के बावजूद सुबह-सुबह थकान महसूस करना|
- दूसरा लक्षण है - हाइपर थायराइड के कारण दिन भर थकान होने लगती है। वहीं, भूख में अत्यधिक इजाफा हो जाता है। इससे मोटापा बढ़ने की आशंका बढ़ जाती है|
- तीसरा लक्षण है - शरीर में थायराइड की कमी के कारण डिप्रेशन बढ़ सकता है। दरअसल, मस्तिष्क में बायोकेमिकल सेरोटोनिन एलिमेंट पाया जाता है, जो आपको अच्छा फील कराने में मददगार है। यह एलिमेंट थायराइड हार्मोन से अटैच रहता है। इसकी कमी के कारण सेरोटोनिन एलिमेंट प्रभावित होता है और आप स्ट्रेस महसूस करते हैं|
- चौथा लक्षण है - थायराइड के कारण ही शरीर ऊर्जावान महसूस करता है। ऐसे में इसकी अनियमितता के कारण शरीर में थकान होने लगती है और सेक्स में दिलचस्पी कम हो जाती है!
- पांचवा लक्षण है – महिलाओं में थायराइड की कमी के कारण माहवारी में अनियमितता आ जाती है। इससे पीरियड्स के बीच का समय बढ़ जाता है। वहीं, इसकी अधिकता के कारण पीरियड्स का समय घट जाता है|
- छठा लक्षण है - लोगों में ब्लडप्रेशर समस्या आ जाने के साथ-साथ हाथ पैरों में सुन्नता और दर्द होने लगता है|
- सातवाँ लक्षण है - इससे पीड़ित लोगों को कभी अत्यधिक गर्मी लगती है या कभी अत्यधिक ठंड का अहसास होता है|
- आठवाँ लक्षण है - इस बीमारी में थायराइड ग्रंथि में सूजन आ जाती है, इस वजह से आवाज़ बदल जाती है|
- नौवां लक्षण - थायराइड की कमी की वजह शरीर के दूसरे हिस्सों में प्रभाव देखने को मिलते है जैसे सिर और आइब्रो के बाल टूटकर झड़ने लगते है और बालों की ग्रोथ कमजोर होने लगती है|
क्यों होती हाइपर थायराइड की बीमारी?
थायराइड में बॉडी का 80 फीसदी आयोडीन पाया जाता है। ऐसे में जब शरीर में आयोडीन की कमी हो जाती है तब थायराइड ग्रंथि में सूजन (Swelling) आ जाती है।
- आयोडीन की कमी बच्चों से लेकर बड़ों तक को हो सकती है। ऐसे में जब शरीर में आयोडीन की कमी हो जाती है, तब थायराइड हार्मोन का निर्माण कम हो जाता है। इस वजह से शरीर का विकास रुक जाता है जिसे क्रीटीनिज़्म कहा जाता है।
- कई बार Different Types की दवाइयों के साइड इफ़ेक्ट के कारण भी यह प्रॉब्लम हो सकती है।
- सोया पाउडर, सोया प्रोटीन और सोया कैप्सूल इस्तेमाल से थायराइड की समस्या अधिक रहती है।
- कई लोग स्किन प्रॉब्लम को दूर करने के लिए रेडिएशन थेरेपी लेते हैं। इस थेरेपी को लेने कुछ समय के लिए आराम तो मिलता है लेकिन कुछ टाइम के बाद फिर से थायराइड की समस्या उभरने लगती है।
ayurvedic kidney specialist in the India
महिलाओं में मेनोपॉज के कारण हार्मोन परिवर्तन होता है। इसलिए ज्यादरतर महिलाओं को थायराइड की समस्या का सामना करना पड़ता है।
- जो लोग अत्यधिक तनाव लेते हैं, उन्हें भी यह बीमारी हो सकती है। क्योंकि ज्यादा स्ट्रेस लेने पर थायराइड ग्रंथि पर असर पड़ता है।
- थायराइड की समस्या आनुवांशिक भी हो सकती है। जिन बच्चों के पेरेंट्स को यह प्रॉब्लम है, वे भी इससे ग्रस्त हो सकते हैं।
आपको बता दें कि किडनी और थायराइड एक दूसरे को प्रभावित करते हैं। यदि आपका थायरॉयड गड़बड़ है तो इससे किडनी की कार्यप्रणाली भी प्रभावित होती है।इसलिए अगर आप किडनी की बीमारी से ग्रस्त हैं, तो इससे आपका थायरॉइड भी प्रभावित होता है। थायरॉइड हार्मोन प्रोटीन संश्लेषण और हमारे शरीर में सेल की वृद्धि को प्रभावित करता है। यदि इसमें कोई खराबी होती है, तो यह सीधे किडनी की कार्यप्रणाली को प्रभावित करती है और गंभीर मामलों में किडनी फेलियर भी हो सकती है।
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