आज हम आपको “लिवर और किडनी” के विषय में बताने जा रहे हैं| कि “लिवर और किडनी क्या है और इनमे क्या अंतर होता है?” साथ ही यह भी बताएँगे कि लिवर की खराबी किडनी को कैसे प्रभवित करती है| इस प्रश्न का उत्तर हम इसलिए देने जा रहें हैं क्योकि बहुत लोगों के मन में लिवर और किडनी के कार्य करने की प्रणाली को लेकर दुविधा रहती हैं क्यूंकि इनके काम काफी हद तक लोगों को समान लगता हैं|
लेकिन ऐसा नहीं है, इनमे कई अंतर पाए जाते हैं| जिनके विषय में हम आपको बताने जा रहे हैं| लिवर और किडनी की खराबी में अंतर जानने से पहले आपको समझना होगा कि ये दोनों कैसे कार्य करते है क्योंकि लिवरऔर किडनी के कार्य प्रणाली को जाने बिना आप इनकी खराबी में अंतर नहीं कर पाएंगे इसलिए लिवरऔर किडनी की खराबी जानने से पहले इनकी कार्य करने की सही जानकारी होनी चाहिए|
लिवर और किडनी दोनों ही अपशिष्ट और विषैले पदार्थों को हटा कर रक्त को शुद्ध बनाने का कार्य करते हैं| लेकिन दोनों का कार्य करने के तरीके बिल्कुल अलग अलग हैं, जिसमे लिवर उन अणुओं को हटाता है जो पानी में घुलनशील नहीं होते हैं और इन्हे आसानी से फ़िल्टर नहीं किया जा सकता है|
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सबसे पहले जानते है कि लिवर कैसे काम करता है?
लिवर दो चरणों में अपना कार्य करता हैं|
1. पहला चरण: एक प्रतिक्रियाशील समूह जैसे - OH (हाइड्रॉक्सिल) को लिवरके साइटोक्रोम सिस्टम द्वारा अणु में जोड़ता है|
2. दूसरा चरण: पानी में घुलनशील side-group, reactive site के साथ जुड़े होते हैं, जिसके अधिकतर सभी अणु पानी में घुलनशील होते हैं|
लिवर और भी कई फंक्शन रखता है जैसे कि रक्त के थक्के जमना, पित्त लवण का निर्माण करना, binding proteins जैसे albumin और transferrin, blood lipids को regulate करना और ग्लूकोज को ग्लाइकोजन के रूप में संग्रहित करना, आदि|
चलिये अब जानते है कि किडनी क्या है और ये कैसे अपना काम करती है?
जैसा कि हमने ऊपर लिवर के सभी कार्यों को बताया। अब बात आती है किडनी की, किडनी पानी में घुलनशील अणुओं और अपशिष्ट पदार्थों को हटा के खून को फ़िल्टर करने का काम करती है और कभी-कभी परिणामस्वरूप अणु को मूत्र में बदल के किडनी के द्वारा फ़िल्टर किया जाता है| जबकि कुछ अणु कार्बनिक आयनों के रूप में जाने जाते हैं, जिन्हे पित्त में करके फिर इन्हे आंत में प्रवाहित किया जाता है|
किडनी खून में सोडियम, पोटेशियम और बाइकार्बोनेट की सांद्रता को भी नियंत्रित करने के काम आता है और साथ ही उन दर को नियंत्रित करते हैं जिस पर अस्थि मज्जा हार्मोन एरिथ्रोपोइटिन का उपयोग करके नई रक्त कोशिकाओं को बनाता है|
लिवर और किडनी में क्या अंतर है?
लिवर उन अणुओं को हटाता है जो पानी में घुलनशील नहीं होते हैं और इन्हे आसानी से फ़िल्टर नहीं किया जा सकता है. जबकि किडनी पानी में घुलनशील अणुओं को हटा के रक्त को फ़िल्टर करती है|
लीवर, रक्त के थक्के का जमना, पित्त लवण का निर्माण करना, binding proteins जैसे albumin और transferrin, blood lipids को regulate करना और ग्लूकोज को ग्लाइकोजन के रूप में संग्रहित करना, आदि कार्य भी करता है जबकि किडनी रक्त के सोडियम, पोटेशियम और बाइकार्बोनेट की सांद्रता को भी नियंत्रित करने के काम आता है और साथ ही उन दर को नियंत्रित करते हैं जिस पर अस्थि मज्जा हार्मोन एरिथ्रोपोइटिन का उपयोग करके नई रक्त कोशिकाओं को बनाया जाता है.
- किडनी एक मूत्र प्रणाली अंग होता है जबकि लिवर एक पाचन तंत्र अंग होता है|
- किसी भी व्यक्ति के शरीर में दो किडनी और एक लिवर होता है|
- किडनी कुछ भी स्टोर नहीं करती है जबकि लिवर ग्लूकोस और फैट को स्टोर करता है|
- किडनी हजारों छोटी इकाइयों से बना जटिल अंग है जिसे नेफ्रॉन कहा जाता है। जबकि लिवर सबसे बड़ा आंतरिक अंग होने के साथ-साथ मानव शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि भी है।
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आइये जानते है कि लिवर की खराबी किडनी को कैसे प्रभवित करती है?
जब आप नियमित रूप से संतुलित आहार का सेवन नहीं करते तो एक समय के बाद लिवरके फंक्शन मे खराबी आने लगती है| जिसके कारण आपको डायबिटिस, ब्लड प्रेशर और फैटी लिवर जैसी समस्या से जूझना पड़ता है|
आप शारीरिक रूप से तभी स्वस्थ रह सकते है जब आपका लिवर भी अच्छे से काम करें क्योंकि लिवर महत्वपूर्ण अंग है जो भोजन को पचाने का काम करता है और जब आप असंतुलित भोजन खाते है तो इससे न केवल लिवर में खराबी आती है बल्कि इसके साथ ही किडनी भी पर भी इसका प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है|
क्योंकि लिवर खाने को पाचन करने के बाद, किडनी भोजन में मौजूद तरल अपशिष्ट व विषैले पदार्थ को फ़िल्टर करके पेशाब के रास्ते शरीर से बाहर कर देती है| लेकिन आज अब असंतुलित खान-पीना खाते है तो इससे किडनी फंक्शन पर अधिक प्रभाव पड़ता है क्योंकि जब लिवर भोजन को ठीक से पचा नहीं पता तो किडनी पर दबाव पड़ता है|
और किडनी अपशिष्ट पदार्थों को फिल्टर नहीं कर पाती| ऐसी स्थिति में किडनी भोजन से प्राप्त पोषक तत्वों को रक्त के माध्यम से शरीर के सभी अंगों तक नहीं पहुंचा पाती और इसके कारण आपकी किडनी में खराबी आने लगती है| तो इस प्रकार आप देख सकते हैं कि लिवर की खराबी किडनी को कैसे प्रभावित करती है|
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ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखकर लिवर और किडनी को ख़राब होने से बचा सकते हैं:-
ब्लड शुगर का नियंत्रित न रहना किडनी की खराबी का सबसे बड़ा कारण है| आप में बहुत से लोग ब्लड शुगर नियंत्रित करने के लिए दवाई का सेवन करते होगे| लेकिन उससे भी उनका ब्लड शुगर कंट्रोल में नहीं रहता होगा जिसका एकमात्र कारण है परहेज न रखना| जी हाँ, खानपान में परहेज न रखने के कारण भी आपका ब्लड शुगर कंट्रोल में नहीं रहता क्योंकि आप में से अधिकतर लोगों को इस बात का भ्रम हमेशा रहता हैं कि हम तो ब्लड शुगर को कंट्रोल करने की दवाई ले रहें हैं |
तो हमें खाने पीने में परहेज रखने की क्या जरूरत हैं| जो कुछ समय के बाद आपकी किडनी में संक्रमण बढ़ने का कारण बनती हैं क्योंकि ब्लड शुगर की समस्या में परहेज न रखने पर अन्दर हीं अन्दर आपकी किडनी संक्रिमित होने लगती हैं| जिसके कारण आपको लेवर और किडनी संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है| ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए आयुर्वेदिक औषधी और खान-पान में परहेज करके किडनी को ख़राब होने से बचा सकते हैं|
तला, भुना, मसालेदार खाने से बढ़ता हैं बल्ड प्रेशर:
बढ़ती उम्र के साथ सभी को अपने खान-पान पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि तला, भुना, मसालेदार खाना खाने से बढ़ता हैं ब्लड प्रेशर| ब्लड प्रेशर सुनने में एक छोटा सा शब्द है लेकिन इसके साइडीइफेक्ट आपको हार्ट संबंधी समस्या और साथ ही किडनी की बीमारी जैसी समस्या का सामना भी करना पड़ सकता हैं| क्योंकि एक उम्र के बाद आपके शरीर के अंग के काम करने की गति धीमी पड़ जाती है ऐसे में मसालेदार खाना आपके स्वस्थ के लिए हानिकारक होता है|
जिसके कारण हार्ट में ब्लोकेज होने का खतरा अधिक बढ़ जाता हैं और हार्ट अटैक आने की संभावना अधिक रहती है| जब आपका हार्ट ठीक से काम नहीं करता तो इसका असर किडनी पर भी पड़ता हैं जिसके कारण किडनी खून को सुचारू रूप से साफ नहीं कर पाती| इसलिए यदि आप हाई बल्ड प्रेशर संबंधी समस्या से जूझ रहे है तो अपने खाने में तला, भुना, मसालेदार कम कर देना चाहिए जिससे आप हार्ट और किडनी संबंधी समस्या से खुद को बचा कर रख सकते है|
वजन को नियंत्रित रखें:-
बढ़ता हुआ वजन बहुत सी बिमारियों को निमंत्रण देता है| जिनमें फैटी लिवर की समस्या प्रमुख है क्योंकि आपका वजन जितनी तेजी से बढेगा उतना ही लिवर और किडनी के कार्य करने की क्षमता पर जोर पड़ेगा| साथ ही वजन बढ़ने से आपका मोटाबोलिज्म भी ठीक से काम नहीं करता| जिसके कारण शरीर में फैट जमा होने लगता हैं इलसिए आपको हमेशा से मैदा फ़ास्टफ़ूड और बाहर के खाने को नहीं खाना चाहिए क्योंकि मैदा और फ़ास्टफ़ूड खाने से वजन तेजी से बढ़ता है मैदा आपकी आतों में जम जाता है जो आपके लीवर और किडनी के लिए नुकसान दायक होता हैं| इसलिए आपको अपने वजन कंट्रोल में रखना चाहिए|
प्रतिदिन व्यायाम करें और सैर पर जाएं
आपने अपने घर के बड़ों को ऐसा कहते हुए जरुर सुना होगा कि जितना आप शारीरिक गतिविधियाँ करेंगे उतना ही आपका शरीर स्वस्थ रहेगा| आप में से बहुत से लोग को सुबह उठ कर सैर पर जाना और योग करना पसंद नहीं होगा क्योंकि ऐसे लोगों को सुबह जल्दी उठाना पसंद नहीं हैं|
शायद आप नहीं जानते योग क्रियाएं करने से किडनी जैसी समस्या से खुद को बचा सकते हैं| किडनी को स्वस्थ रखने के लिए मंडूकासन, शशकासन, मुद्रासन, भुजंगासन काफी मददगार हैं। इसलिए आपको किडनी को स्वस्थ बनाएं रखें के लिए रोजाना व्यायाम और सैर पर जरुर जाना चाहिए|
यदि आपको लिवर या किडनी की समस्या है, तो आपको इन चीजों का ध्यान रखना चाहिए:
सोडियम
सोडियम को किडनी के लिए अच्छा नहीं मना जाता है| अगर आप अपने खाने में सोडियम की मात्रा ज्यादा लें रहे हैं तो यह आपकी किडनी के लिए नुकसानदायक भी हो सकता है क्योंकि सोडियम का सेवन अधिक करने से लिवर और किडनी संबंधी रोग होने का खतरा अधिक रहता हैं इसलिए किडनी को स्वस्थ रखने के लिए सिमित मात्रा में ही सोडियम का इस्तेमाल करना चाहिए|
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पोटेशियम
अधिकतर लोगों इस बात की जानकारी नहीं होती आखिर जो वो खाना खा रहे हैं उसमें पोटेशियम की कितनी मात्रा है जिसके के कारण किडनी की खराबी बढ़ने की संभावना अधिक रहता हैं इसलिए किडनी को स्वस्थ रखने के लिए यह जरुरी हैं आप कम से कम या सिमित मात्रा में पोटेशियम युक्त भोजन को अपनी डाइट में शामिल करें|
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