क्रिएटिनिन लेवल को कई तरह से कम किया जा सकता है। जिसमें मेडिकेशन, व्यायाम, घरेलू उपाय भी शामिल है। लेकिन आज हम आपको क्रिएटिनिन को बढ़ने से रोकने के सबसे सरल और असरदार उपाय बताएँगे, बस इसके साथ ही आपको करना होगा अपने आहार में थोड़ा-सा बदलाव|
क्रिएटिनिन को बढ़ने से रोकने के लिए आहार में बदलाव करने से जुड़ी जानकारी लेने से पहले आपका ये जानना जरूरी है कि क्रिएटिनिन क्या होता है? और क्रिएटिनिन बढ़ने से आपके स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है? आपको बता दें कि क्रिएटिनिन body में केमिकल वेस्ट प्रोडक्ट होता है, किडनी क्रिएटिनिन को खून से फिल्टर कर अंत में पेशाब के जरिए बाहर निकाल देती है|
हालांकि, कभी-कभी, क्रिएटिनिन का लेवल body में बढ़ जाता है और ये किसी स्वास्थ्य समस्या का संकेत होता है लेकिन हाई क्रिएटिनिन लेवल बताता है कि आपकी किडनी सही तरीके से काम नहीं कर रही है| बेकाबू क्रिएटिनिन का लेवल किडनी रोग की निशानी भी हो सकता है| body में क्रिएटिनिन लेवल को फिल्टर करने और काबू रखने में किडनी मदद करती है| क्रिएटिनिन का लेवल Age, gender, high protein का सेवन और body की size की वजह से हर शख्स में अलग-अलग होता है| अच्छी सेहत और क्रिएटिनिन लेवल को काबू रखने के लिए सुनिश्चित करें कि किडनी सही तरीके से काम करती रहे|
तो चलिये अब जानते है क्रिएटिनिन को बढ़ने से रोकने के लिए आपको अपने आहार में क्या बदलाव करने चाहिए............
क्रिएटिनिन बढ़ने से रोकने के लिए सबसे जरूरी है लाइफ़स्टाइल में बदलाव करना
अपने फ्लुइड इनटेक यानि तरल पदार्थों के सेवन पर ध्यान रखें.........
जैसे कि आपको दिनभर में 250 ml यानि लगभग 8 ग्लास पानी पीना चाहिए। डिहाइड्रेशन की वजह से सच में आपका क्रिएटिनिन लेवल को बढ़ सकता है, इसलिये आपका हमेशा हाइड्रेटेड बने रहना बेहद जरूरी है।
- जब आपके body में भरपूर पानी नहीं रहता है, तब आप कम यूरिन भी प्रोड्यूस करते हैं। जैसे कि, यूरिन के जरिये ही क्रिएटिनिन bodyसे बाहर निकलता है, इसलिये ऐसे में यूरिन में कमी की वजह से इस टॉक्सिक (Waste Chemical Product) का भी बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है|
- वहीं दूसरी तरफ, ज्यादा पानी पीने से भी आपकी किडनी के फंक्शन्स पर नेगेटिव इफेक्ट पड़ते हैं। बहुत ज्यादा पानी पीने की वजह से ब्लड प्रैशर बढ़ सकता है और बढ़ा हुआ ब्लड प्रैशर किडनी के ऊपर दबाव बना सकता है।
- आपके डाक्टर की ओर से आपको इन्सट्रक्शन न मिले जाने पर भी बेहतर रहेगा, कि आप हाइड्रेटेड तो बने रहें, लेकिन जहाँ तक हो सके फ्लुइड बहुत ज्यादा मात्रा लेने से दूर ही रहें।
दालचीनी को अपने आहार में शामिल करें
दालचीनी डाइयूरेटिक के उपचार में अपनी भूमिका के कारण क्रिएटिनिन और किडनी की समस्याओं से पीड़ित लोगों के लिए अच्छा आहार माना जाता है। यह किडनी के फंकशन को बेहतर बनाने में मदद करता है और किडनी की फिल्टर करने की क्षमता को भी बढ़ाता है|
यह किडनी को अधिक नुकसान से बचाने के लिए blood sugar लेवल को कंट्रोल करने में भी मदद करता है। गर्म पानी, स्मूदी, बेक्ड खाद्य पदार्थ, अनाज और अन्य खाद्य पदार्थों में दालचीनी को अपने हल्के मात्रा में उपयोग करें। इसको अपने आहार में शामिल करके आप किडनी खराबी की समस्या यानि क्रिएटिनिन के बढ़ने की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।
हम यह भी जानते है कि बढ़ते क्रिएटिनिन लेवल से परेशान कुछ किडनी रोगी ऐसे भी होते है जिन्हें गर्म पानी पीने की आदत नहीं होती, ऐसे में वो परेशान हो जाते है कि हमें तो गर्म पानी में की आदत ही नहीं है और आप हमें दालचीनी को गर्म पानी में उबालकर सेवन करने की बात कर रहें है| घबराएँ नहीं, क्योकि जिन लोगों को गर्म पानी पीने की आदत नहीं है वो खाने बनाते समय चुटकीभर दालचीनी डालकर इसका सेवन कर सकते है|
हर्बल रेमेडीज़ का इस्तेमाल करने से क्रिएटिनिन होगा कम
हर्बल टी क्रिएटिनिन लेवल को कम करने में बहुत फायदेमंद मानी जाती है। आप नियमित रूप से हर्बल टी का सेवन कर इसे संतुलित कर सकते हैं। हर्बल टी का सेवन करने से आपके ब्लड में मौजूद क्रिएटिनिन को फिल्टर करने में सहायता मिलती है और इसके सेवन से आपको पेशाब भी ज्यादा होता है| इससे किडनी आसानी से क्रिएटिनिन को फिल्टर कर पेशाब तक भेज देती है। आप तुलसी के पत्ते, पुदीना, शहद और अदरक को मिलकर आसानी से हर्बल टी बना सकते हैं। रोजाना चाय की तरह इसका सेवन करने से benefit मिलता है।
- रोजाना लगभग 250ml तक हर्बल टी का सेवन जरूर करें|
सैल्विया करता है क्रिएटिनिन को कम
जी हाँ, सैल्विया (Salvia) एक प्रकार की जड़ी बूटी यानि हर्ब्स है जो bodyमें बढ़े हुए क्रिएटिनिन लेवल को कम करने का काम करती है। सैल्विया का सेवन करने से body में ग्लोगेरुलर फिल्ट्रेशन रेट बढ़ता है जिससे क्रिएटिनिन को फिल्टर करने में फायदा मिलता है। सैल्विया में पाया जाने वाला लिथेस्पर्मेट-बी नामक तत्व body से क्रिएटिनिन को बाहर निकालने में बहुत फायदेमंद होता है।
सैल्विया के इस्तेमाल करने के तरीके के बारे में जानकारी पाने के लिए, अपने आयुर्वेदिक डॉक्टर के साथ एक मीटिंग फिक्स कर लें। अपने डाक्टर से सलाह लिए बिना कभी-भी सैल्विया का इस्तेमाल न करें।
अच्छी नींद लेने से क्रिएटिनिन होता है कम
जी हाँ, जब आप सोते हैं, तब आपके Body के ज़्यादातर फंक्शन धीमे हो जाते हैं। इसमें body का मेटाबोलिज़्म भी शामिल है। जिसकी वजह से, क्रिएटिन के क्रिएटिनिन में बदलने की रेट भी Slow हो जाती है, जिससे कि blood में पहले से ही मौजूद क्रिएटिनिन, एक्सट्रा टॉक्सिन्स के बनने से पहले ही फिल्टर होकर बाहर निकल जाता है।
- हर रात को कम से कम 6 से 8 घंटों की नींद लिया करें, जिसमें 7 या 8 घंटे की नींद एक आइडियल अमाउंट मानी जाती है।
- इसके अलावा, नींद पूरी नहीं होने या नींद की कमी की वजह से आपके पूरे body के ऊपर Physical Stress पड़ता है और फिर आपके body के हर एक हिस्से को एक Normal काम करने के लिये भी बहुत ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। जिसकी वजह से, किडनी और ज्यादा Stress में आ जाती है, जिसकी वजह से किडनी की क्रिएटिनिन को फिल्टर करके बाहर निकालने की capacity कम हो जाती है।
अपने एक्टिविटी के लेवल पर जरा रोक लगाएँ
- जब भी आप बहुत जोरदार एक्सर्साइज़ करता है, तब ये काफी तेज़ी से फूड को एनर्जी में कन्वर्ट करता है। जिससे की वजह से, और ज्यादा क्रिएटिनिन फॉर्म होता है, जिसकी वजह से ब्लड में क्रिएटिनिन की मात्रा बढ़ जाती है|
- एक्सर्साइज़ से भी आपकी पूरी हैल्थ पर काफी खास असर पड़ता है, इसलिए आपको इसे अपने रूटीन से पूरी तरह से बाहर भी नहीं निकालना है। हालांकि आप अभी हाइ इंटेन्सिटी एक्सर्साइज़ की जगह पर लो इंटेन्सिटी एक्सर्साइज़ चुन सकते हैं। रनिंग, वेट लिफ्टिंग करने या बास्केटबाल खेलने के बजाय, Walk करके या योगा प्रैक्टिस करके देखें।
क्रिएटिनिन को कम करने के लिए, क्रिएटिन (creatine) सप्लिमेंट्स से दूर रहें:-
क्योंकि क्रिएटिनिन, क्रिएटिन का एक वेस्ट प्रोडक्ट होता है इसलिये क्रिएटिन-सप्लिमेंट्स लेने से, आपके ब्लड में ज्यादा मात्रा में क्रिएटिनिन जमा होने लगेगा।
- एक एवरेज इंसान के लिए, ये कोई बहुत बड़ी बात नहीं है। अगर आप आपके परफ़ोर्मेंस को बेहतर बनाने के लिए न्युट्रिशनल सप्लिमेंट्स लेने वाले एक एथलीट या बॉडी-बिल्डर हैं, और अगर इन सप्लिमेंट्स में क्रिएटिन मौजूद है, तो आपको उसे छोड़ना पड़ेगा।
अब आप समझ ही गए होंगे कि क्रिएटिनिन को बढ़ने से रोकने के लिए आहार के साथ-साथ Lifestyle में बदलाव करना कितना जरूरी है| आप क्रिएटिनिन को कम करने के लिए आयुर्वेदिक उपचार भी ले सकते है क्योंकि आयुर्वेदिक उपचार से किडनी को किसी भी प्रकारा का साइडिफेक्ट का खतरा नहीं होता है| आयुर्वेदिक औषधियों के साथ बैलेस डाइट में फलों को लेने से आसानी से खून को बढ़ाया जा सकता है| इसलिए आयुर्वेदिक उपचार लेने से किडनी फेलियर खून को बढ़ा सकते है|
अगर आपकी किडनी में कोई भी समस्या है तो इसको अनदेखा न करें और अगर आप अपनी किडनी के लिए इलाज लेना चाहते हैं तो आयुर्वेदिक इलाज़ सबसे सुरक्षित है| क्योंकि आयुर्वेदिक इलाज़ में आपकी किडनी को किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं होता| आयुर्वेदिक इलाज़ पूरी तरह प्राकृतिक है, जो अपना काम पूरा प्राकृतिक तरीके से करता है|
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