लुपस की बीमारी भी है किडनी बीमारी का कारण - Lupus disease is also a cause of kidney disease

लुपस या ल्यूपस एक ऑटोइम्यून बीमारी है जो आपकी बॉडी में सूजन और इसके साथ ही कई तरह की समस्याओं का कारण बन सकती है। लेकिन सभी की बॉडी में लुपस के लक्षण अलग-अलग दिखाई देते है। जैसे कुछ लोगों में इसके लक्षण कम दिखाई देते हैं तो वहीं बहुत से लोगों के शरीर में इसके लक्षण ज्यादा दिखाई देते है|

सही जानकारी नहीं होने के कारण आप से अधिकतर लोग लुपस को Skin disease समझने की भूल कर बैठते है और इसका खामियाजा आपको किडनी के खराबी के लक्षण के रूप में भुगतना पड़ सकता है|

 

तो चलिये जानते है कि कैसे लुपस की बीमारी भी है किडनी की बीमारी का कारण..........

दोस्तों, हम जानते हैं अब आप सोच रहें होंगे कि आखिर ये लुपस क्या हैं? और हमने तो इस तरह की बीमारी का नाम कभी सुना ही नहीं......

जी हाँ, बहुत सी ऐसे छोटी-छोटी बीमारियों के लक्षण होते है जो एक बड़ी बीमारी होने का कारण बनते है, लुपस भी उन्हीं में से एक है| हम यह भी जानते है आपसे से अधिकतर लोगों ने इस बीमारी का नाम आज हमारे इस शो के माध्यम से सुना होना|

लेकिन आप बिलकुल भी घबराएँ नहीं क्योंकि हमारा मकसद आपको डरना नहीं है, बल्कि आपको लुपस की बीमारी के लक्षण की सही जानकारी देना है जिससे कि आप इन लक्षणों की पहचान करके किडनी की बीमारी से बचाव कर सकते है|

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तो सबसे पहले हम जानते है लुपस क्या है?

लुपस एक ऐसी बीमारी हैं जो आपकी तंत्रिकाओं में होती है। यह धीरे-धीरे शरीर के अलग-अलग अंगों को प्रभावित करती है। या फिर यूं कह लें कि लुपस में स्व-प्रतिरोधी बीमारी यानी ऑटोइम्यून डिजीज है। इसके मरीजों में प्रतिरोधक क्षमता उसके अपने ही अंगों के लिए नुकसानदेह साबित होती है। मरीज के शरीर में Red Blood Cells की संख्या इतनी ज्यादा हो जाती है कि इसका harmful effect शरीर के अन्य अंगों पर भी पड़ने लगता है।


आइये जानते है कैसे करें, ल्‍यूपस के लक्षण की पहचान

लुपस का पहला लक्षण है बुखार आना

जी हाँ, य‍ह शुरुआती संकेतों में से एक होता है। बुखार आना कोई स्‍पष्‍ट कारण तो नहीं है, लेकिन इसमें शरीर का तापमान 98.5F से 101F तक आ जाता है। इस वजह से illness और थकान बनी र‍हती है………

इसके साथ ही लाल, गर्म, संवेदनशील और सूजे हुए जोड़ ल्‍यूपस का इशारा हो सकते हैं। केवल खुजली और कठोरता होना ही काफी नहीं है। जोड़ों में अर्थराइटिस के साथ इन सभी लक्षणों का होना भी आवश्‍यक है........

विशेषज्ञक का ऐसा मानना हैं कि यदि आपके जोड़ों में होने वाला दर्द को 6 सप्ताह से अधिक हो गया है तो यह भी लुपस की बीमारी का लक्षण हो सकता है|


लुपस का दूसरा लक्षण है थकान महसूस करना

आपको बता दें कि जिन लोगों में यह बीमारी उभरने लगती है वो 90 प्रतिशत थकान से परेशान रहने लगते है| इस वजह से ज्‍यादा नींद आने लगती है। लुपस की वजह से ज्‍यादा देर तक इंसान एक्टिव नहीं रह पाता है| इस वजह से एनर्जी का स्‍तर गिरने लगता है। ऐसा ज़्यादातर किडनी की खराबी में भी देखा जाता है कि किडनी रोगी को थकान ज्यादा लगती है|


लुपस का तीसरा लक्षण है सीने में जलन होना

आपको बता दे कि दिल के करीब की लाइनिंग (पेरिकार्डिटिस) अथवा फेफड़े (प्‍लेयूरिटिस) में जलन होना भी ल्‍यूपस का एक लक्षण हो सकता है। लेकिन, ये दोनों ही परिस्थितियां वायरल संक्रमण के कारण भी हो सकती हैं| हालांकि, लुपस के कारण सीने में जलन भी महसूस हो सकती है जो आपकी हृदय अथवा फेफड़े की कार्यक्षमता को प्रभावित करती है, जिसके कारण छाती में तेज दर्द की महसूस हो सकता है........ लुपस की बीमारी में आपको कभी-कभार सांसों के उखड़ने यानि ठीक से सांस ना ले पाने की समस्या भी हो सकती है।


लुपस का चौथा लक्षण है मुंह अथवा नाक में छाले होना

वैसे तो मुंह में छाले होना भी ल्‍यूपस का एक सामान्‍य लक्षण है। लेकिन, ल्‍यूपस के दौरान मुंह में होने वाले छालों में आमतौर पर दर्द नहीं होता, जो इसे अलग बनाता है| इसके साथ ही यह मसूड़ों और मुंह के कोनों में होने के बजाय ऊपरी जबड़े पर होता है। ल्‍यूपस से जुड़े छाले नाक में भी हो सकते हैं ।


लुपस का पांचवा लक्षण है पेशाब ठीक

माइक्रोस्‍कोपिक ब्‍लड सेल्‍स और प्रोटीन, जो आमतौर पर मूत्र में नहीं पाए जाते, ल्‍यूपस के मरीजों के मूत्र में इनके कण होने की आशंका होती है। लेकिन, हां, इस बात का ध्‍यान रखें कि ये लक्षण कई अन्‍य बीमारियों के कारण भी हो सकते हैं। जैसे, यूरीनेरी ट्रेक्‍ट इंफेक्‍शन और किडनी की पथरी आदि।


अंतिम लेकिन सबसे खतरनाक लक्षण - किडनी प्रॉब्‍लम

जी हाँ, ल्यूपस की बीमारी जिन लोगों को होने लगती है, उनमें गुर्दे यानि किडनी की समस्याएं विकसित होने लगती है। जैसे किडनी में सूजन आ जाती है और रक्‍त से टॉक्सिन को फिल्‍टर करके बाहर निकालना मुश्किल हो जाता है। किडनी की समस्‍याओं के चलते निचले पैरों और पैरों में सूजन, उच्च रक्तचाप, गहरा मूत्र, मूत्र में रक्त, और रात में अधिक बार पेशाब करना, और एक तरफ दर्द होना जैसी दिक्‍कतें शुरु हो जाती है।


चलिये जानते है इस बीमारी से जुड़े कुछ फैक्‍ट

आप बता दे कि दुनिया भर में करीब 5 मिलियन लोग है जो इस बीमारी से पीडि़त है…

वैसे तो ल्‍यूपस संक्रामक बीमारी नहीं है, लेकिन अक्सर यह जल्दी से पहचान में नहीं आती है। वहीं पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ये बीमारी ज्‍यादा पाई जाती है। ल्‍यूपस की बीमारी होना इस बात पर भी निर्भर करता है कि आप कैसे environment में रहते है इसके साथ ही यह आपके आनुवंशिक कारकों की वजह से हो सकती है……

ल्‍यूपस की बीमारी ज्‍यादा देर तक सूरज की रोशनी बैठने, दवाओं और कुछ कैमिकल के संपर्क में आने की वजह से भी हो सकते हैं। ल्‍यूपस एक ऐसी स्थिति है जिसका कोई इलाज तो नहीं है, लेकिन आयुवेदिक दवाओं के माध्यम से इसके लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है। इसके वजह से जोड़ों से लेकर त्वचा, किडनी, रक्त कोशिकाओं, दिमाग, हृदय और फेफड़ों तक पर असर पड़ता है।

अब आप समझ ही गए होंगे कि बुखार आना, थकान महसूस करना, मुंह अथवा नाक में छाले होना, पेशाब में संक्रमण और किडनी प्रॉबलम ये लुपस की बीमारी के लक्षण है जो किडनी बीमारी का कारण भी हो सकते है|

किडनी की खराबी में आप आयुर्वेदिक उपचार भी ले सकते है क्योंकि आयुर्वेदिक उपचार से किडनी को किसी भी प्रकार का साइडिफेक्ट का खतरा नहीं होता है| आयुर्वेदिक औषधियों के साथ बैलेस डाइट में फलों को लेने से आसानी से खून को बढ़ाया जा सकता है| इसलिए आयुर्वेदिक उपचार लेने से किडनी फेलियर खून को बढ़ा सकते है|

kidney specialist in the ayurvedic medicine

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