वर्तमान समय में जहां लोग इतने व्यस्त हैं, कि उन्हें अपने लिए ही समय नहीं| वहीँ दूसरी तरफ उन्हें शाररिक रूप से कई सारी बीमारियों को झेलना पड़ता है| हाई ब्लड प्रेशर होना एक सामान्य समस्या बन गई है, अगर देखा जाये तो यह आज घर-घर की एक ऐसी बीमारी बन चुकी है जिससे घर का एक इंसान जरुर पीड़ित है| शायद ही ऐसा कोई परिवार होगा, जहां घर का कोई एक सदस्य इस बीमारी से परेशान न हो| ब्लड प्रेशर बढ़ना या कम होना दोनों ही खतरनाक होते हैं| आपको इस बात को जानकर काफी हैरानी होगी कि लगभग 5.7 करोड़ लोग बढ़ते रक्तचाप की समस्या से परेशान हैं| जिनका ब्लड प्रेशर हमेशा बढ़ा हुआ होता है उन्हें अक्सर हार्ट से जुड़ी समस्या बनी रहती है| इसके अलावा बढ़ते रक्तचाप की वजह से आंखों की रोशनी भी प्रभावित होती है और कई बार तो यह जानलेवा भी हो सकता है| उच्च रक्तचाप होने के कारणों में सबसे महत्वपूर्ण है असंतुलित भोजन, घंटों बैठकर काम करना, शारीरिक गतिविधियों में कमी आना, मानसिक तनाव का ज्यादा होना| इन सभी कारणों की वजह से आपको रक्तचाप बढ़ने की समस्या हो सकती है जिससे जान जाने का खतरा भी बढ़ जाता है|
उच्च रक्तचाप के कारण:
सामान्यत ब्लड प्रेशर 120/80 mmHg हो तो यह बेहतर माना जाता है| लेकिन इससे अधिक हो तो यह आपके लिए हानिकारक हो सकता है| उच्च रक्तचाप होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे:
- धूम्रपान
- डायबिटीज
- किडनी से जुड़ी कोई समस्या
- शारीरिक गतिविधियों की कमी के कारण
- अधिक वजन बढ़ने के कारण
- अनियमित जीवनशैली के कारण
- पुरुषों में 45 वर्ष के बाद यह समस्या सामान्य है
- महिलाओं में 55 वर्ष बाद, लेकिन अगर कोई महिला गर्भ निरोधक दवाइयां लेती है तो यह समस्या उन्हें हो सकती है.
- रक्त में कोलेस्टॉल की मात्रा बढ़ने पर
- लगतार और अधिक मात्रा में शराब पीने से भी रक्तचाप बढ़ने की समस्या होती है
उच्च रक्तचाप से कैसे बचा जाये:
उच्च रक्तचाप बढ़ने की समस्या को दूर करने के लिए आपको अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव जरुरी होते हैं| जिसमें से पहले है कि आप अपने जीवन में किये जाने वाले अनावश्यक बदलावों को दूर करें|
- बिना डॉक्टर की सलाह के कोई दवा न खाएं, और अनावश्यक दवाइयों को सेवन को बंद कर दें.
- रोजाना कम से कम सात से आठ गिलास पानी जरुर पीयें.. इसके साथ ही आप एक गिलास ताजे फल का जूस जरुर पीयें.
- अपनी रोजाना की डाइट में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा को कम कर दें.
- इसके साथ ही खाने में नमक की मात्रा कम कर दें.
इन बातों का ध्यान रख कर आप भी उच्च रक्चाप की समस्या से दूर रह सकते हैं|
उच्च रक्तचाप के लिए आहार:
जिनका रक्चाप अधिक होता है, उनके शरीर में कई प्रकार की समस्या आ सकती है| जिसमें से एक किडनी भी है, क्योंकि जिनकी किडनी में खराबी आ जाती है उन्हें भी काफी परेशानियों का सामना करना होता है| इसके लिए जरुरी है कि आप सही डाइट लें|
Ayurvedic Kidney Treatment in India
हरी और पत्तेदार सब्जियां खाएं:
वर्तमान समय में जहां खाने पीने का भी समय नहीं होता| वहां पर अपने शरीर का ध्यान हर कोई नहीं रख पाता| जिसके बाद वह बढ़ते रक्चाप की परेशानी का सामना करता है| इसके लिए जरुरी है कि आप अपनी डाइट में हरी और पत्तेदार सब्जी को शामिल करें| दिन भर के तनाव को कम करने के लिए हरी पत्तेदार सब्जियां काफी हद तक मददगार साबित हो सकती हैं| हरी पत्तेदार सब्जियों में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइन्फ्लामेट्री के गुण मौजूद होते हैं, जो आपको बढ़ते रक्तचाप की समस्या से दूर रखते हैं|
हरी पत्तेदार सब्जियों में आप कुछ खाद्य पदार्थों को शामिल कर सकते हैं:
- गोभी
- पालक
- आर्गुला
- मूली के पत्ते
- शलजम के पत्ते
- चुकंदर के पत्ते
ओटमील यानी जई की दलिया
अगर आप अपनी डाइट में ओटमील को शामिल करते हैं तो यह आपके बढ़ते रक्चाप को सामान्य बनाये रखने में सहायक होता है| ओटमील में भरपूर मात्रा में फाइबर, विटामिन व मिनरल्स पाए जाते हैं| जो आपके ब्लड में लिपिड जो कि एक प्रकार का फैट होता है, उसको कम करते हैं| इससे आपका वजन भी कंट्रोल होता है साथ ही आपका रक्तचाप भी नियंत्रित होता है| अगर आप रोजाना की डाइट में पांच ग्राम जई की दलिया लेते हैं तो इससे उनके ब्लड प्रेशर में बढ़ोतरी नहीं होती और इससे पाचन तंत्र भी ठीक रहता है|
चुकंदर:
हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए चुकंदर का सेवन काफी फायदेमंद माना जाता है| चुकंदर में नाइट्रिक ऑक्साइड पाया जाता है, जो ब्लड सेल्स को डैमेज होने से बचाता है| जिससे आपका रक्त सही तरह से पूरे शरीर में फ्लो करता है| चुकंदर का सेवन करने से आपको उच्च रक्तचाप से आराम मिलता है साथ ही इससे आपकी किडनी डैमेज का खतरा भी कम होता है| चुकुंदर में 80 प्रतिशत से अधिक पानी होता है जो आपके शरीर को अन्दर से साफ़ रखता है| साथ ही यह आपके ब्लड की गंदगी को साफ़ रखता है जिससे आपका ब्लड प्रेशर तो सामान्य बना रहता है साथ ही आपकी किडनी भी अपना काम ठीक तरह से कर पाती है|
डार्क चॉकलेट:
बेशाक इस बात को जानकार आपको अजीब लगे कि चॉकलेट खाने से रक्तचाप सामान्य होगा, लेकिन यह बात बिलकुल सही है| अगर आप अपनी डाइट में डार्क चॉकलेट को शामिल करते हैं तो इससे आपका रक्तचाप सामान्य रहेगा| डार्क चॉकलेट में फ्लैवनॉल्स पाया जाता है, जिसका असर उच्च रक्तचाप पर पड़ता है| प्रतिदिन 30-1000 एमजी डार्क चॉकलेट खाने से सिस्टोलिक और डायस्टोलिक रक्तचाप में कमी आ सकती है| लेकिन ध्यान रहे इससे अधिक चॉकलेट का सेवन न करें यह आपके शरीर में फैट को बढ़ा सकता है|
लहसुन:
उच्च रक्तचाप के लिए अगर आप अपने आहार में लहसुन को भी शामिल करते हैं तो यह आपके लिए काफी फायदेमंद होता है| लहसुन में एलिसिन नामक मुख्य तत्व पाया जाता है, जो आपके शरीर में हाइड्रोजन सल्फाइड के उत्पादन को संतुलित करता है और साथ ही नाइट्रिक ऑक्साइड को नियंत्रित करता है| इससे आपका ब्लड सेल्स स्ट्रेस डैमेज होने से बचाता है| जिससे रक्त सही मात्रा में हार्ट तक पहुँच पाता है| जो आपको हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से दूर रखता है|
अनार:
अगर कोई बढ़े हुए ब्लड प्रेशर को कम करना चाहता है, तो इसके लिए अनार एक बेहतर फल हो सकता है| अनार में कई औषधीय गुणों के साथ एंटीहाइपरटेंसिव गुण भी होता है| जो कि ब्लड प्रेशर को कम करते हैं, यह गुण पाए जाते हैं| इस गुण के कारण अनार का सेवन करने से सिस्टोलिक और डायसटोलिक दोनों ही प्रकार के रक्तचाप में कमी आती है| जिन्हें बढ़ते रक्तचाप की समस्या है उन्हें लगतार नहीं बल्कि कुछ दिनों के अंतराल में एक-दो गिलास अनार का जूस पीना चाहिए|
पिस्ता:
अच्छे स्वास्थ्य के लिए पिस्ता को उत्तम माना गया है| खास तौर पर उच्च रक्तचाप से पीड़ित मरीजों के लिए इसका सेवन फायदेमंद हो सकता है| इसका सेवन सिमित मात्रा में किया जाए तो यह सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर कम करने में मदद कर सकता है| यह रक्त में लिपिड के स्तर को कम करने में भी सक्षम है साथ ही रक्तचाप को संतुलित करने के लिए प्रतिदिन बिना नमक वाले 5 पिस्ता खाए जा सकते हैं| हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को दूर करने के लिए इसको अपनी डाइट में जरुर शामिल करना चाहिए|
फिश:
सैल्मन, मैकेरल, एनकोवी और हेरिंग मछली में ओमेगा-3-फैटी एसिड पाया जाता है| इसका सेवन आपके शरीर में आई सूजन को कम करने में मदद करता है| साथ ही इन मछलियों में भरपूर मात्रा में विटामिन-डी पाया जाता है जो शरीर की कोशिकाओं में वोल्टेज-गेटेड चैनल को सक्रिय करता है, जिससे रक्त में सोडियम की मात्रा नहीं बढती और आप बढ़ते रक्तचाप की परेशानी से दूर रहते हैं| फिश का सेवन करने से न सिर्फ वजन कम होता है, बल्कि सिस्टोलिक व डायस्टोलिक रक्तचाप में भी कमी आती है| इसका सेवन आप हफ्ते में 2 बार करें तो इससे आपका ब्लड प्रेशर सामान्य बना रहता है|
दही:
बढ़ते रक्तचाप की समस्या को दूर करने के लिए दही का उपयोग लाभदायक साबित हो सकता है| दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स आपके हृदय को स्वस्थ बनाये रखते हैं| दही में कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं और इन सभी तत्वों की मौजूदगी के कारण दही आपके मोटापे को कम करती है साथ ही आपके हार्ट को ठीक रखती है| जब आपका हार्ट ठीक रहता है तो इससे आपका ब्लड प्रेशर भी सामान्य रहता है|
इसके साथ ही विटामिन c युक्त फलों का सेवन भी आपको बढ़ते रक्तचाप से दूर रखता है| जिसमें आप संतरा, ग्रेपफ्रूट, टैंगोलेज, मंडारिन और नींबू का सेवन कर सकते हैं|
उच्च रक्तचाप में क्या न खाएं:
- चिप्स
- चकैंडी
- चनमकीन ड्राइ फ्रूट
- चशराब व धूम्रपान
- चपेस्ट्री
- चपिज्जा
- चपैक्ड जूस
- चएनर्जी ड्रिंक्स
- चकैन्ड फूड
- चपैक्ड सूप
- चप्रोसेस्ट मांस
- चपैक्ड फूड
- चप्रीपैक्ड पास्ता
- चकेचअप
- चअधिक वसा वाला सलाद
- सोडा
- चाय व कॉफी
- अधिक चीनी
- कुकीज
- आचार व पापड़
इन सभी चीज़ों को अपने आहार में शामिल न करें यह आपके ब्लड प्रेशर की समस्या को बढ़ा सकता है|
किडनी के लिए आयुर्वेदिक उपचार :
जिनका ब्लड प्रेशर हमेशा अधिक बना रहता है उन्हें किडनी में खराबी की संभावना अधिक हो जाती है| जिसके लिए लोग अक्सर एलॉपथी इलाज़ ले लेते हैं| जिसके चलते उन्हें डायलिसिस और ट्रांसप्लांट जैसी समस्या को झेलना पड़ता है| इसके लिए जरुरी है कि आप किडनी के लिए आयुर्वेदिक उपचार को अपनाएं| अगर आयुर्वेदिक इलाज़ लें तो यह आपके लिए काफी फायदेमंद होगी| आयुर्वेदिक इलाज़ में दवाइयों के साथ साथ खाने में सही आहार और उचित व्यायाम करने की सलाह दी जाती है|
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