kidney में खराबी आई है कैसे पता लगायें ?

किडनी में खराबी आने के बारे में समय से पता नहीं चलता| इसलिए लोग इस बीमारी को साइलेंट किलर भी कहते हैं| किडनी में खराबी आने से आपको शरीर में काफी सारी दिक्कतें महसूस हो सकती हैं| किडनी में खराबी होने से आपको शरीर में काफी बदलाव भी नजर आ सकते हैं| वैसे ये बदलाव आपको शरीर में पहले भी नजर आते हैं, जिनको आप और हम यह सोच कर अनदेखा कर देते हैं कि शायद यह परेशानी हमें किसी कारण से हो रही होगी| लेकिन हम एक बार भी इस बारे में विचार नहीं करते कि हो सकता है कि जो बदलाव आपके शरीर में आपको नजर आ रहे हैं वो किसी गंभीर समस्या का संकेत हैं|

किडनी क्या काम करती है:

किडनी के काम की अगर बात करें तो किडनी का काम आपके शरीर में जमा होने वाली गंदगी को बाहर करने का होता है| जब आप अपने आहार में कुछ भी लेते हैं तो आपका शरीर उस आहार से जरुरी मिनरल्स ले लेता है और बाकी बचा हुआ वेस्ट जिसको क्रिएटिनिन कहते हैं इसको शरीर के बाहर कर देता है| आपकी किडनी ऐसा करने में आपके शरीर की मदद करती है यानी कि आपकी किडनी ही आपके लिए आहार में से जरुरी विटामिन्स और मिनरल्स आपके रक्त को देती है|

ताकि आपका रक्त नसों के माध्यम से आपके पूरे शरीर में उर्जा पहुंचता रहे और बाकी जो शरीर में वेस्ट होता है उसको शरीर से बाहर निकाल देती है| किडनी शरीर में जमा वेस्ट को यूरिन के माध्यम से शरीर के बाहर करती है| इसलिए अक्सर ऐसा कहा जाता है कि एक स्वस्थ इन्सान को दिन भर में 6 से 7 ग्लास पानी पीना चाहिए| क्योंकि इससे उनका शरीर अन्दर से साफ़ होता है| जब आपका शरीर और आपकी किडनी दोनों साफ़ रहते हैं तो इससे आपके शरीर में वेस्ट जमा नहीं होता और आपकी किडनी के काम में भी कोई दबाव नहीं आता|

तो इस तरह किडनी आपके शरीर को स्वस्थ रखने का काम करती है|

कैसे पता चला किडनी में खराबी है:

कई लोग किडनी की बीमारी को साइलेंट किलर कहते हैं| उनका मानना होता है कि किडनी में खराबी आने का कोई पता नहीं चलता| लेकिन आपको बता दें कि ऐसा बिलकुल नहीं है| किडनी बेशक साइलेंट किलर मानी जाती है लेकिन आपको बता दें कि कुछ बदलाव हैं जो आपको आपके शरीर में नजर आ सकते हैं| जिनको अनदेखा करने पर आपकी किडनी खराब हो सकती है| जिसके लिए फिर आप एलोपैथी इलाज़ लेंगे और इस इलाज़ में आपको डायलिसिस के दर्द को झेलना पड़ सकता है|

यूरिन से जुड़ी परेशानी:

किडनी में खराबी आये तो इससे आपको यूरिन से जुड़ी कई सारी परेशानिया आ सकती हैं| जिसको आप सामान्य समझ लेते हैं लेकिन यह परेशानी सामान्य नहीं होती बल्कि यही छोटी छोटी परेशानी बड़ी होकर किडनी में खराबी की वजह बनती है| अगर आपको यूरिन से जुड़ी कुछ दिक्कत हो!

जैसे:-

  1. पेशाब के रंग में बदलाव
  2. पेशाब करने में दर्द और जलन
  3. पेशाब की मात्रा में कमी
  4. पेशाब में झाग
  5. पेशाब के साथ पस निकलना
  6. और पेशाब में खून आना

तो यह परेशानी आपकी किडनी में खराबी को दर्शाती हैं| लोग पेशाब में खून या पस आने के बाद ही इस समस्या को गंभीर समझते हैं| बाकी सभी दिक्कतों को अक्सर लोग अनदेखा कर देते हैं| जिससे किडनी में खराबी आ जाती है|

शरीर में सूजन होना:

ज्यादा ठन्डे पानी में पैर डाल लो, या पैर लटका कर बैठ जाओ तो इससे आपको पैरों में सूजन आ सकती है| इसके साथ ही अगर आपको हाथ में, सिर में यहाँ शरीर के किसी भी अंग में अंदरूनी चोट आ गई है तो आपको शरीर के उस अंग में सूजन हो सकती है| यह सामान्य बात है, लेकिन आपको शरीर में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं उसके बाद आपको शरीर में सूजन आ रही है तो आपको इस बात को अनदेखा नहीं करना चाहिए| किडनी में खराबी का पता लगाने का यह भी एक तरीका है|

जैसा कि हमने आपको किडनी के काम के बारे में बताया कि आपकी किडनी शरीर से वेस्ट प्रोडक्ट को बाहर करती है| लेकिन जब आपकी किडनी में थोड़ी सी भी खराबी आई तो इससे आपकी किडनी के काम में प्रभाव पड़ता है| फिर जब आपकी किडनी सही से काम नहीं कर पाती तो इससे शरीर में नमक जमा होने लगता है| जिससे यह नमक आपकी पिंडली और टखनों में सूजन का कारण बनता है| इसलिए अगर आपको शरीर में बेवजह ही सूजन दिखाई दे, खास तौर पर आँखों के नीचे, हाथ और पैरों में तो यह किडनी खराबी की वजह से हो सकते हैं|

ठण्ड लग कर बुखार आना:

ठण्ड लग कर बुखार आना सामान्य बात है, ठंड के मौसम में ठण्ड लग कर बुखार आना भी सामान्य है| लेकिन अगर आपको गर्मी के मौसम में बार बार ठण्ड लग कर बुखार आये| उस पर आपको बुखार के साथ उलटी भी आने लगे तो इसका मतलब है कि आपके शरीर में कोई दिक्कत है| आपको बता दें कि अक्सर ठण्ड लग कर बुखार आना आपकी किडनी में खराबी को दर्शाता है| जिसके लिए जरुरी है कि आप अपनी इस समस्या को अनदेखा न करते हुए इसकी जांच करवाए और समय पर इलाज लें|

त्वचा में खुजली और रेशेज होना:

त्वचा में खुजली होना आपको त्वचा की समस्या की वजह से हो सकता है| पर इसके लिए जरुरी है कि आप त्वचा में खुजली और रेशेज होने की दिक्कत को सामान्य न समझे और इसकी जांच करवाए| क्योंकि किडनी में खराबी होने के संकेत में अक्सर त्वचा में खुजली होना भी है| किडनी में खराबी की वजह से खुजली और रेशेज होने का एक खास कारण है रक्त में खराबी| क्योंकि जब आपकी किडनी अपना काम सही नहीं कर पाती तो इससे आपके रक्त में खराबी आ जाती है| जब ऐसा रक्त नसों के माध्यम से आपके पूरे शरीर में जाता है तो इससे आपको त्वचा में खुजली हो सकती है| रक्त की खराबी ने सिर्फ आपको त्वचा में खुलजी और रेशेज की दिक्कत देते हैं, यह आपको हार्ट से जुड़ी परेशानी भी दे सकते हैं|

हमेशा हाई ब्लड प्रेशर रहना:

किडनी में खराबी की एक वजह आपका बढ़ता रक्तचाप होता है, वहीँ दूसरी तरफ किडनी में खराबी होने का संकेत भी आपका बढ़ता रक्तचाप ही माना जाता है| रक्तचाप अक्सर तब बढ़ता जब आपके रक्त में खराबी आती है और रक्त में खराबी तब आती है जब आपके शरीर में क्रिएटिनिन की मात्रा बढ़ जाती है| क्योंकि जब आपके शरीर में क्रिएटिनिन की मात्रा बढ़ जाती है तो यह आपके ब्लड में मिलकर नसों के माध्यम से आपके हार्ट तक पहुंचता है| खराब रक्त जब हार्ट तक पहुँचता है तो हार्ट ऐसे रक्त को ठीक तरह से पंप नहीं कर पाता, और इससे ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है|

Ayurvedic Kidney Treatment

शरीर में कमजोरी आना:

किडनी खराबी का एक और संकेत है शरीर में कमजोरी आना| जब किडनी में खराबी आती है तो इससे वह रक्त को ठीक से साफ़ नहीं कर पाती| जिससे खराब रक्त शरीर के सभी अंगों में पहुँचने लगता है| अब रक्त की खराबी आपके शरीर में धीरे धीरे उर्जा को कम करने लगती है| जिससे आपके शरीर में कमजोरी, थकान, चक्कर आने जैसी परेशानी आ जाती है| आपको शायद इस बात की जानकारी न हो कि किडनी न सिर्फ आपके रक्त को साफ़ करती है बल्कि आपकी किडनी आपके शरीर में रक्त बनाने का काम भी करती है| जब किडनी ही अपना काम ठीक से नहीं कर पाएगी तो यह शरीर में ठीक तरह से रक्त नहीं बना पाएगी और इससे आपके शरीर में उर्जा की कमी होगी जो आपके शरीर में कमजोरी कर देगी|

ऐसे ही शरीर में आपको कई प्रकार के संकेत नजर आ सकते हैं जो आपकी किडनी में खराबी को बताते हैं| जिनको अनदेखा करना आपके लिए हानिकारक हो सकता है| इसलिए शरीर में होने वाले इन बदलावों को समझें और इसके लिए समय पर सही इलाज़ लें|

कर्मा आयुर्वेदा द्वारा किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार :-

कर्मा आयुर्वेदा साल 1937 से किडनी रोगियों का इलाज करता आ रहा है| कर्मा आयुर्वेदा की स्थापना वर्ष 1937 में धवन परिवार द्वारा की स्थापना की गयी थी| वर्तमान समय में डॉ. पुनीत कर्मा आयुर्वेदा को संभाल रहे है| डॉ. पुनीत ने केवल भारत में ही नहीं बल्कि विश्वभर में किडनी की बीमारी से ग्रस्त मरीजों का इलाज आयुर्वेद द्वारा किया है| किडनी के आयुर्वेदिक इलाज़ में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है| डॉ. पुनीत ने अब तक 1 लाख 50 हजार से भी ज्यादा किडनी मरीजों को रोग से मुक्त किया है| कर्मा आयुर्वेदा में डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के जैसे विकल्प की आवश्यता नहीं यहाँ इलाज़ सिर्फ दवाइयों से ही किया जाता है जो पूरी तरह सफल है|

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