यूरिन में प्रोटीन की मात्रा कितनी होनी चाहिए?

किसी भी व्यक्ति के शरीर का विकास होने के लिए उसके शरीर को उचित मात्रा में प्रोटीन की आवयश्कता होती है। इस बात से हम सभी लोग बचपन से ही वाकिफ है कि प्रोटीन हमारे शरीर के लिए कितना उपयोगी है, इसके बिना शरीर का होना काफी मुश्किल है।प्रोटीन की मदद से हमारी रक्त कोशिकाओं, हड्डियों, ऊतक, हार्मोन आदि का विकास होता है और इसकी वजह से हमारा शरीर बना रहता है।लेकिन, अगर शरीर में प्रोटीन की कमी होने लगे तो प्रोटीन की कमी हो जाए तो व्यक्ति को क्वाशियोरकर (Kwashiorkor) और मरास्मस (Marasmus)जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है। इतना ही नहीं अगर प्रोटीन की शरीर में अधिकता हो जाए तो व्यक्ति की किडनी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने लगता है और समय के साथ-साथ किडनी खराब हो जाती है।

 

आप सभी को बता दें कि किडनी रक्त को साफ करने के दौरान उसमे मौजूद सभी अपशिष्ट उत्पादों और गैर जरूरी तत्वों को पेशाब के जरिये शरीर से बाहर निकाल देती है। अपनी इसी क्रिया के दौरान किडनी एक तरफ तो खून में मौजूद सभी गैर जरूरी तत्वों को शरीर से बाहर निकाल देती है, लेकिन दूसरी तरफ यह रक्त में उन सभी पौषक तत्वों को मिला देती है जिनकी शरीर को विकसित होने में आवयश्कता होती है।इन पौषक तत्वों में कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन और प्रोटीन जैसे तत्व और अन्य योगिक तत्व शामिल है।लेकिन जब व्यक्ति कि किडनी के फिल्टर्स यानि नेफ्रॉन ठीक से काम नहीं करते वह प्रोटीन को रक्त में वापिस नहीं भेज पाती और वह अन्य गैर जरूरी तत्वों के साथ पेशाब के जरिये शरीर से बाहर निकलने लग जाता है।इसके अलावा अगर शरीर में प्रोटीन की मात्रा अधिक होने पर भी किडनी बचे हुए प्रोटीन को पेशाब के साथ उसे शरीर से बाहर निकाल देती है, जिसे प्रोटीन लोस कहा जाता है।

 

शरीर में प्रोटीन कैसे बढ़ता है और यह पेशाब के जरिये शरीर बाहर क्यों आता है?

शरीर में प्रोटीन कैसे बढ़ता है?

हमने शुरुआत में आपको बताया कि शरीर का पूर्ण निर्माण और विकास होने के लिए प्रोटीन की आवयश्कता होती है, लेकिन सिमित मात्रा में। पर काफी बार शरीर में इसकी मात्रा काफी बढ़ जाती है जो सीधे-सीधे व्यक्ति की लापरवाही के कारण बढ़ती है। जब कोई व्यक्ति जरूरत से ज्यादा प्रोटीन युक्त खाद्य उत्पादों का सेवन कर लेता है तो शरीर में प्रोटीन की मात्रा बढ़ने लगती है। यह समस्या सबसे ज्यादा जिम जाने वाले व्यक्तियों और जो लोग मांसाहार का सेवन करते हैं उनके साथ ज्यादा होती है।जिम जाने वाले व्यक्ति अपनी बॉडी बनाने के लिए अगल से प्रोटीन सप्लीमेंट लेते हैं, जिसकी वजह से शरीर में इसकी मात्रा अधिक बढ़ जाती है। वहीं, सभी तरह का मांस प्रोटीन का सबसे अच्छा सोत्र होता और जब आप इसका अधिक सेवन करते हैं तो इससे भी शरीर में प्रोटीन की मात्रा अधिक बढ़ जाती है। जब शरीर में प्रोटीन की मात्रा अधिक हो जाती है तो यह पेशाब के जरिये शरीर से बाहर आने लगता है, इस स्थिति को प्रोटीन लोस और प्रोटीनुरिया कहा जाता है। यह समस्या विशेषकर दो कारणों से होते है। पहली, यदि किसी समस्या के चलते किडनी के फिल्टर्स खराब हो जाए या किडनी की कार्यक्षमता कम होने लगे तो, उस किडनी रक्त को ठीक से साफ़ नहीं कर पाती और प्रोटीन रक्त में जाने की बजाय पेशाब के जरिये शरीर से बहार आ जाता है। इसके अलावा (दूसरा), यदि शरीर में प्रोटीन की मात्रा सामान्य से अधिक मात्रा हो जाए तो भी प्रोटीन पेशाब के साथ शरीर से बाहर आने लगता है। प्रोटीनुरिया की समस्या होने का यह कारण पहले कारण से थोडा कम गंभीर माना जाता है, क्योंकि इसमें किडनी को किसी भी तरह की समस्या नहीं होई हुई। हाँ, अगर इस समस्या का जल्द उपचार ना किया जाए तो किडनी जल्द खराब हो सकती है।

How to Sop Urine in Protein By Ayurveda

अब इस दौरान यह सवाल उठता है कि क्या यूरिन में प्रोटीन आना हमेशा गम्भीर होता है और अगर यह सामान्य है तो यूरिन में प्रोटीन की मात्रा कितनी होनी चाहिए, और क्या प्रोटीन को पेशाब में जाने से रोका जा सकता है?

ऐसा नहीं है कि पेशाब में प्रोटीन आना हमेशा ही एक गम्भीर स्थिति हो। हर स्वस्थ से स्वस्थ व्यक्ति में रोजाना अपने पेशाब में प्रोटीन की उपस्तिथि का सामना करना पड़ता है, लेकिन यह बहुत ही सिमित मात्रा में होता है।एक स्वस्थ व्यक्ति के पेशाब में प्रोटीन की मात्रा दिन भर में 30 mg/g से भी कम होती है। अगर किसी व्यक्ति के पेशाब में प्रोटीन की मात्रा 30 mg/g के करीब या इससे ज्यादा होता है तो ऐसे व्यक्ति को जल्द से जल्द अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए और अपने आहार में प्रोटीन की मात्रा को सिमित करना चाहिए, नहीं तो स्थिति को बिगड़ते देर नहीं लगती। झागदार पेशाब आना प्रोटीन लोस की सबसे बड़ी निशानी है।

अब बात आती है अगर आप या आपका कोई अपना इस गंभीर समस्या से जूझ रहा है, तो आपको ऐसे समय में इससे कैसे छुटकारा पाया जा सकता है? इस सवाल का एक ही जवाब है और वो ये है “आयुर्वेदिक उपचार”। आयुर्वेद किडनी का रामबाण है, जिसकी मदद से किडनी से जुड़ी सभी समस्याओं को जड़ खत्म किया जा सकता है। अगर आप इस समस्या के साथ एलोपैथीक उपचार लेना शुरू करते हैं तो वहां आपको स्टेरॉयड दिया जाता है जिससे आपको इस समस्या में केवल कुछ समय के लिए आराम मिलता है। लेकिन एक समय ऐसा आता है जब आपको स्टेरॉयड से भी आराम मिलना बंद हो जायगा और उस दौरान तक किडनी के फिल्टर्स भी काफी क्षतिग्रस्त हो चुके होंगे। इसलिए आप शुरुआत से इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप कर्मा आयुर्वेदा में संपर्क कर सकते हैं, जहाँ बिना केवल आयुर्वेदिक दवाओं से ही प्रोटीन लोस और अन्य किडनी संबंधित रोगों का उपचार केवल आयुर्वेदिक औषधियों की मदद से किया जाता है।

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